लेखक की कलम से

भाव सुमन …

“गीली मिट्टी से जैसे कुंभकार

अद्भुत मनचाहा देता आकार।

ऐसे ही शिष्य के लिए गुरु हैं,

अद्भुत अतुलनीय शिल्पकार

 

विद्या का देकर ज्ञान प्रकाश

दीक्षा दे करें ज्ञान का संचार।

पूर्ण जीवन सफल बनाएं

मिटाएं अज्ञान का अंधकार।।

 

मिले गुरु के सान्निध्य में संस्कार।

गुरु के सद्मार्ग से हो भव सागर पार।

गुरूदेव का मिले आशीष और आभार।

ऐसे गुरुदेव को है मेरा नमन बारंबार।।”

 

©अम्बिका झा, कांदिवली मुंबई महाराष्ट्र           

Back to top button