धर्म

ओडिशा से भेजा गया भगवान राम के लिए विशेष वस्त्र, 15 दिन में किया गया तैयार, 23 जनवरी को धारण करेंगे श्रीराम…

कटक. एरी सिल्क से तैयार इस विशेष कपड़े पर रामायण पर आधारित प्रसिद्ध महाकाव्य ‘रामचरित मानस’ लिखा गया है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से अनुमति मिलने के बाद कपड़ा तैयार किया गया है. जानकारी के मुताबिक इस खास खंडुआ पाट को तैयार करने में सात से आठ बुनकरों की टीम को 15 दिन लगे. बुनकरों की एक टीम द्वारा अयोध्या ले जाने से पहले बुधवार को खंडुआ पाट की भुवनेश्वर के राम मंदिर में पूजा की गई.

तिगिरिया नुआपटना के हथकरघा बुनकरों ने भगवान राम के लिए एक विशेष वस्त्र भेजा है. बुनकरों द्वारा बुना गया प्रसिद्ध खंडुआ पाट अयोध्या में राम मंदिर में भगवान राम की सुंदर नक्काशीदार मूर्ति को सुशोभित करेगा. जिसका उद्घाटन 22 जनवरी को किया जाएगा.

बुनकरों ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अगले दिन भगवान राम इस खंडुआ पाट को धारण करेंगे. बुनकरों में से एक ने कहा कि “हमने भगवान राम को खंडुआ पाट चढ़ाने के अपने प्रस्ताव के बारे में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से संपर्क किया. उनकी अनुमति मिलने के बाद आठ बुनकरों की एक टीम ने 15 दिनों में खंडुआ पाट तैयार किया”. उन्होंने हमें बताया है कि 23 जनवरी को मूर्ति पर पाट लपेटा जाएगा. हमें 18 जनवरी तक अयोध्या पहुंचने के लिए कहा गया है. लेकिन हम 19 जनवरी को पहुंचेंगे.”

बुनकरों ने बताया कि भगवान जगन्नाथ अपनी पसंदीदा पोशाक गीता गोविंदा खंडुआ पाट पहनते हैं. जो पहले नुआपटना गांव में बुनकरों द्वारा टसर रेशम से तैयार की जाती थी. बाद में ओडिशा सरकार ने निर्णय लिया कि बुनकर एरी रेशम से गीत गोविंदा खंडुआ पाट बनाएंगे. जिसे एक नई विधि से एकत्र किया जाएगा. इस विधि में रेशम के कीड़ों को मारने की आवश्यकता नहीं होती है. पाट को अहिंसक तरीकों से एरी सिल्क से तैयार किया जा रहा है.

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