नए शिक्षा मंत्री परमार की दो टूक- कांग्रेस सरकार के समय बनी स्थानांतरण नीति की होगी समीक्षा
इन्दौर। नए शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार ने पदभार ग्रहण करने के बाद शिक्षा विभाग के तमाम अधिकारियों के साथ पहली समीक्षा बैठक ली। समीक्षा बैठक में शिक्षा मंत्री के तेवर देखकर विभाग के अधिकारी भी हैरत में पड़ गए। बैठक में मुख्य रूप से कांग्रेस की 15 माह चली सरकार के दौरान बनी स्थानांतरण नीति की फिर से समीक्षा करने का निर्णय लिया गया।
बैठक में शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी, आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय जयश्री कियावत, आयुक्त राज्य शिक्षा केंद्र लोकेशकुमार जाटव और शिक्षा विभाग के सचिव केके द्विवेदी के अलावा अन्य अधिकारी मौजूद थे। शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस सरकार के दौरान बनाई गई स्थानांतरण नीति की नए सिरे से समीक्षा की जाएगी और जरूरत पड़ी तो नई स्थानांतरण नीति भी बनाई जाएगी।
इसके अलावा शिक्षकों को समय पर वेतन मिले और विभाग में शिक्षकों के चयन एवं पात्रता के बाद जिला परियोजना समन्वयकों और विकासखंड स्रोत समन्वयकों की नए सिरे से पदस्थापना भी की जाएगी। वर्तमान में उक्त दोनों पदों पर नियुक्तियों पर रोक लगी है। वेतन को लेकर ट्रेजरी कोड आवंटन के कारण कई शिक्षकों का वेतन दो माह से अटका हुआ है। यह कार्य भी तत्काल पूरा करने को कहा है।
शिक्षकों को हर माह की 10 तारीख से पहले उनके बैंक खातों में वेतन डल जाए, ऐसी व्यवस्था करने का आदेश उन्होंने दिया। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार को लेकर भी कई निर्देश दिए। बैठक में नए शिक्षा मंत्री के तेवर बताए जाते हैं कि काफी तीखे थे, जिसे देखकर विभाग के अधिकारी भी कई बार हैरान हो गए।