लेखक की कलम से

मेरी चुप्पी …

मेरी चुप्पी,

तुम्हारे सारे सवालों का जवाब है !

इसे मोड़ दो चाहे किसी भी दिशा में,

ये चुप ही रहेगी !

क्योंकि मैंने देखा है,

लोगों को चिल्लाते,

शोर मचाते,

अर्थहीन शब्दों

के मेले में,

शब्दों के,

अर्थ को खोते हुए !

इस झालम झाल में,

शोर के बाज़ार में,

मेरी चुप्पी शांत है,

सुढृढ़ है !

भले ही अकेली है !

पर ओछे,

फूहड़ शब्दों से,

कहीं अच्छी है !

तलाश में है,

किसी मंद मंद मुस्काती,

एक और चुप्पी के !

कि कहीं वो मिले,

तो चंद बातें हों !

कुछ तालें टूटे,

तो सोना निकले !

अनकहे जज़्बातों को,

शब्द मिलें,

खोए हुए शब्दों को,

सच्चा अर्थ मिले !

वरना,

ये अकेलापन,

भीड़ से कहीं अच्छा है !

सच, ये वीराना,

भीड़ से कहीं अच्छा है !!!

 

 

© योजना साह जैन, जर्मनी

परिचय :- वर्तमान निवास बर्लिन जर्मनी, अध्यापन फार्मालाजी में डाक्टरेट, हेल्थ केयर प्रौद्योगीकी कंपनी के संस्थापक व सीईओ, पूर्व में कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों में कार्य करने का अनुभव, टीवी शो होस्ट Yojna’s Candid Talk Show, अध्यक्ष-  जर्मनी – ग्लोबल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (GCCI), अध्यक्ष (जर्मनी) – ग्लोबल हिंदी साहित्य शोध संस्थान, भारत, दो पुस्तकें प्रकाशित, अंतरराष्ट्री पत्रिकाओं में कई वैज्ञानिक शोध पत्र, नियमित लेखन व प्रकाशन.

 

 

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