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मुझको तो सबके चहरे पर, इक सच्ची मुस्कान चाहिए

नई दिल्ली। महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय बरेली के राष्ट्रीय सेवा योजना प्रकोष्ठ द्वारा 2 जून को ‘मुस्कुरायेगा इंडिया’ के संकल्प के साथ कविता की शीतल फुहारों भरी ऑनलाइन काव्य संध्या का आयोजन किया गया। कोरोना संकट के समय जहां जन सामान्य मानसिक तनाव से ग्रसित हैं वहीं सबके चेहरे पर मुस्कान लाने का प्रयास करने हेतु एनकेबीएमजी कॉलेज चन्दौसी जनपद सम्भल की राष्ट्रीय सेवा योजना की नोडल अधिकारी डॉ रीता सिंह के संयोजन में “कोरोना संकट में स्वयंसेवकों की साहित्यिक अभिव्यक्ति “के इस काव्यात्मक कार्यक्रम में महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय बरेली परिक्षेत्र के उर्जावान नवोदित साहित्यकारों, राष्ट्रीय सेवा योजना के साहित्यिक कार्यक्रम अधिकारियों व नवयुवा रचनाकार स्वयं सेवक/स्वयं सेविकाओं द्वारा काव्य संध्या में जन जागरुकता का संदेश प्रदान करतीं संदेशप्रद रचनायें प्रस्तुत की गयीं।

विश्विद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना की गतिविधियों के प्रेरणा स्रोत कार्यक्रम समन्वयक डॉ सोमपाल सिंह के कुशल दिशा निर्देशन में आयोजित इस काव्य संध्या का शुभारंभ बरेली की साहित्यिकार राजबाला धैर्य द्वारा माँ सरस्वती की आराधना से आरंभ हुआ। मुरादाबाद के युवा कवि अभिषेक रूहेला की पंक्तियों “हो गया मजबूर जीवन घास खाने के लिये” ने सबके मन को मोह लिया। कवयित्री हेमा तिवारी भट्ट ने स्वयं सेविकाओं को समर्पित रचना ‘कमजोर नहीं कमजोर नहीं, ताकत तुझमें पुरजोर है’, डॉ. एसडी शर्मा (चन्दौसी) ने “इस डोर में दम तोड़ते अरमान बहुत है”, पुष्पा जोशी प्राकाम्या (लालकुआँ) ने देशभक्ति की ओजपूर्ण रचना, डॉ गीता वार्ष्णेय (बहजोई) ने लॉकडाउन के नियमों का पालन करने की प्रेरणा देती पंक्तियाँ, डॉ प्रीती माहोर (मुरादाबाद) ने दहेज प्रथा जैसी सामाजिक कुरीति पर प्रहार करते हुए काव्याधारा प्रवाहित की। डॉ एकता चौहान (खुर्जा), डॉ अजय बाबू शर्मा (बुलंदशहर), डॉ. जितेंद्र, कवि प्रदीप बैरागी (शाहजहांपुर), डॉ वंदना मिश्रा (बदायूँ) आदि ने मधुर काव्यपाठ कर बड़ी संख्या में ऑनलाइन उपस्थित श्रोताओं का मन मोह लिया।

इसके अतिरिक्त विभिन्न जनपदों के राष्ट्रीय सेवा योजना के नवयुवा रचनाकार स्वयं सेवक/स्वयं सेविकाओं वैष्णवी मुस्कान, याशिका, षदबदन शंखधार, रुद्राक्ष, गुप्ता, हरिहर पांडेय, ललित हरी मिश्रा, शिवम शर्मा, माधवी शर्मा आदि ने भी स्वरचित कवितायें प्रस्तुत कर वाहवाही लूटी।

इस ऑनलाइन साहित्यिक शाम में राष्ट्रीय सेवा योजना उतर प्रदेश के क्षेत्रीय निदेशक डॉ अशोक श्रोती ने उपस्थित अतिथियों व स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक समाज में व्याप्त सभी प्रकार की समस्याओं के प्रति संवेदनशील हैं। वे कोरोना संकट की घड़ी में भी संक्रमण से स्वयं को सुरक्षित रखते हुए सामाजिक समस्याओं से संबंधित कविता, स्लोगन व चित्र बनाकर जन चेतना लाने का रचनात्मक कार्य कर रहे हैं। डॉ श्रोती ने इस आयोजन में भाग लेने वाले सभी रचनाकारों व स्वयं सेवक व स्वयं सेविकाओं को सुंदर काव्यपाठ के लिये बधाई व शुभकामनाएँ प्रदान कीं।

उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय सेवा योजना में ‘मुस्कुरायेगा इंडिया’ अभियान के प्रणेता राज्य सम्पर्क अधिकारी डॉ. अंशुमाली शर्मा ने आयोजक मंडल सहित स्वयं सेवकों व कार्यक्रम अधिकारियों को इस साहित्यिक कार्यक्रम के लिये बधाई दी।

बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. बाला लखेन्द्र ने अपने उद्बोधन में सभी नवोदित रचनाकारों व स्वयंसेवकों को देश के स्थापित साहित्यिकारों के साहित्य को पढ़कर उनके जीवन से प्रेरणा लेने के लिये प्रेरित किया।

काव्य संध्या में विश्विद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना के सभी नोडल अधिकारियों डॉ प्रीति पांडेव, डॉ शबाना साजिद, डॉ धनंजय सिंह, डॉ राकेश जायसवाल, डॉ नरेन्द्र बत्रा, डॉ पीयूष शर्मा, डॉ रामकुमार, कार्यक्रम अधिकारी डॉ कनक चौहान आदि का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम का संचालन डॉ सोमपाल सिंह व डॉ रीता सिंह ने संयुक्त रूप से किया।

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