लेखक की कलम से

तेरी चाहतों की निशानी हूँ मैं….

तेरी चाहतों की निशानी हूँ मैं।
जो दिल पे लिखी वो कहानी हूँ मैं।।

देखे थे सपने जो रातों को तुमने।
ख्वाबों के तेरे रवानी हूँ मैं।।

रेतीले जलहीन मरुस्थल में मैं तो।
स्वाति बूँद का पानी हूँ मैं।।

सुनने को तरसे श्रवण तेरे जिसको।
वीणा की वो लय अजानी हूँ मैं।।

खोई रहूँ तेरी यादों में हरदम।
इक तेरी पागल दीवानी हूँ मैं।।

©स्वर्णलता टंडन

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