पेण्ड्रा-मरवाही

भूपेश बघेल की सरकार को बर्खास्त करे राज्यपाल : पूरन छाबरिया

कलेक्टर के प्रतिनिधि एसडीएम मयंक चतुर्वेदी को राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन

गौरेला (आशुतोष दुबे)। स्वाभिमान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पूरन छाबरिया ने प्रदेश के भूपेश सरकार के खिलाफ आज अपने समर्थकों के साथ अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के कलेक्टोरेट के सामने जोरदार प्रदर्शन किया। ज्ञात हो कि पूरन छाबरिया के स्वाभिमान पार्टी ने किसानों के बोनस आदि मांगों को लेकर किसान हितवा मितवा आंदोलन करने का निर्णय लिया था। कलेक्टोरेट का घेराव करने पहुंचे पूरन छाबरिया व उनके समर्थकों को पुलिस ने बीच में ही रोक लिया। इसी बीच प्रदर्शनकारियों को देख पेंड्रारोड एसडीएम मयंक चतुर्वेदी कलेक्टर के प्रतिनिधि के रूप में धरना स्थल तक ज्ञापन लेने आये। पूरन छाबरिया ने कलेक्टर के प्रतिनिधि एसडीएम मयंक चतुर्वेदी को राज्यपाल के नाम ज्ञापन देकर इस प्रदर्शन को स्थगित किया। ज्ञापन में स्वाभिमान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पूरन छाबरिया ने राज्यपाल से छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल की सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है।

ज्ञापन के माध्यम से पूरन छाबरिया ने प्रदेश के भूपेश बघेल सरकार को अलोकतांत्रिक व विधि विरोधी बताते हुये इसे बर्खास्त करने की मांग राज्यपाल से की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार लगातार किसानों को धोखा दे रही है। बोनस का झूठा वायदा कर किसानों को छल रही है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है और किसानों को समय मे बोनस राशि नहीं मिलने पर कृषि कार्य व इससे सम्बन्धित अन्य योजनाएं पिछड़ रही है। इससे किसानों को भविष्य में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस प्रकार लगातार छल व धोखे में रखने के कारण किसानों व आमजनों में भारी आक्रोश है।

पूरन छाबरिया ने अपने ज्ञापन में राज्य सरकार के ऊपर यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार शराब दुकानें खोलने का आदेश देना विधि विरुद्ध कार्य है। पूरन छाबरिया ने कहा कि इन दुकानों में अत्यधिक भीड़ भाड़ रहता है। जिससे कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा और बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि राज्यसरकार शराब दुकानें खोलकर धारा 144 व कोविड 19 अधिनियम का खुल्लम खुल्ला उलंघन कर रही है। इसलिए वर्तमान परिस्थिति में शराब दुकान खोलने पर राज्य सरकार व इसके प्रशासनिक अधिकारियों के ऊपर भी fir होनी चाहिये और राज्यपाल को इस विधि विरुद्ध सरकार को तत्काल बर्खास्त करनी चाहिए।

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