कोरबा

कोरबा की पांच युवतियां फंस गई जिला कबीरधाम में, भोपाल से चलकर निकलीं थी घर आने के लिए

कोरबा {गेंदलाल शुक्ल} । आसमान से गिरे, खजूर में अटके। यह कहावत कोरबा की पांच युवतियों पर चरितार्थ हो रही है। ये युवतियां भोपाल से चलकर कबीरधाम जिला पहुंच कर अटक गई हैं। राजस्थान से दो हजार से अधिक छात्रों को छत्तीसगढ़ लाने वाली राज्य सरकार का अमला इन युवतियों को रोकने के बाद कबीरधाम से कोरबा पहुंचाने में कोई रुचि नहीं ले रहा है।

एक पखवाड़ा पहले भोपाल से एक वीडियो वायरल किया गया था। इसमें पांच युवतियां लॉक डाउन में भोपाल में फंसे होने की जानकारी देकर राज्य सरकार से अपनी घर वापसी की गुहार लगा रही थी लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। उधर युवतियां खुद भी वापसी का प्रयास कर रही थीं। किसी तरह भोपाल के प्रशासन से उन्होंने पास की व्यवस्था की।

पांच युवतियां और दो युवक मिलाकर कुल सात लोग सड़क के रास्ते भोपाल से रवाना होकर छत्तीसगढ़ की सीमा पर कबीरधाम जिला के चिल्फ़ी पहुंचे। यहां पुलिस और प्रशासनिक अमला ने इन्हें रोक लिया। सभी को चिल्फ़ी में कवारंटीन होम भेज दिया गया। एक दिन बाद इन सभी को चिल्फ़ी से हटाकर बोड़ला के बालक छात्रावास भेज दिया गया।

इस बीच दो युवकों का पता नहीं क्या जुगाड़ बैठा कि वे कोरबा पहुंच गए लेकिन पांचों युवतियां बोड़ला में ही फंसी रह गईं। अब युवतियां और उनके परिजन युवतियों की घर वापसी के लिए गुहार लगा रहे हैं, लेकिन इन्हें अधबीच में रोक रखने वाला कबीरधाम प्रशासन सुन रहा है और न ही कोरबा जिला प्रशासन। 

राजस्थान के कोटा से दो हजार से अधिक छात्र छात्राओं को छत्तीसगढ़ लाने वाले राज्य शासन के प्रशासनिक अमले की संवेदनशीलता पर यह मामला प्रश्न चिन्ह लगाता है।

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