लेखक की कलम से

अयोध्या जंबूद्वीप भारतखंडे, आर्यावर्त का ही भाग है …

लागत बा #ओलिआ पगला गइल बा। चीनवा ओकरा दिमाग में आपन #झड़ल_देवाल के #कांकड़ भर देले बा। दिमाग तो एकर #घुटनों से नीचे आ गइल बा बुझात बा। कालहे तक #रोटी आउर #बेटी के रिश्ता रखे वाला नेपाल के आपन जागीर समझले बाटे।

अरे! बोका!! केहु के #जागीर रहल बाटे जे तोर रही। #चीनवा तो #चालबाज देश हटे, पर तु तो #मिथिला के भाग रहले, तोहरा के #अंग्रेजवा सन #बफर_देश खातिर आजाद रखलन सन। इ #राम के #देश तो तोहरा के केतना मदद कइलस, सब कुछ आपन निवासी खानी, प्रेम से रखलस। फिर भी तू #दगाबाजी काहे करतारे।

अच्छा इ बताव तोर नेपाल में कवनो #सरयूनदी बाटे। जवना किनारे #अयोध्याजी बसल बाड़े । नइखे नु। फिर सब #इतिहास, #भूगोल #चीन के मर्जी से लिखबे का। अरे #रामजी तो #कौशल के रहले। जवन #कौशल के कुछ भाग अभी #उत्तरप्रदेश में बाटे। आउर #जानकीजी के भी जन्म #सीतामढ़ी में भइल रहे। उ हो #भारत में बाटे ना कि नेपाल में।

ऐसे तोरा के एक बात बोल तानी तू चीन के भक्ति छोड़ के आपन देश के लोग के खातिर काम कर, जनले! नेपाल के लोग के ध्यान रख और बकवास मत कर कि #अयोध्या नेपाल में रहले।

एक #रामभक्तभारतीय के मन से….

 

  ©डॉ साकेत सहाय, नई दिल्ली    

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