घर की शोभा बेटियां …
लक्ष्मी आईं है, लेके खुशियां द्वार,
हमारे घर बेटी हुईं!
लक्ष्मी आईं है, लेके खुशियां अपार,
हमारे घर बेटी हुईं!
हुआ है मेरा आंगन गुलो गुलजार,
हमारे घर बेटी हुईं!
लक्ष्मी आईं है लेके खुशियां हजार,
हमारे घर बेटी हुईं
बेटों जैसा बेटी को मानो,
इन दोनों में भेद ना जानो,
बेटी करती दो कुलों को उजियार,
हमारे घर बेटी हुईं!
मात पिता के बेटी से भी भाग्य है जागे,
अब बेटी है आगे आगे,
ऊंचे पद पर है बेटी आज सवार,
हमारे घर बेटी हुईं!
मां बेटी पे स्नेह प्रेम बरसाएं,
बेटी ने ही बेटे बेटी को जाए,
बेटी करती है मां बाप का सपना साकार, हमारे घर बेटी हुईं!
नाचो गाओ बांटो मिठाई,
बेटी जनम पर बजाओ शहनाई,
बांटो दोनों करों से उपहार,
हमारे घर बेटी हुईं!
इंदिरा सरोजनी लक्ष्मी बाई,
कल्पना अंतरिक्ष परी कहाई,
देश को भी है गर्व इन पर अपार,
हमारे घर बेटी हुईं!
आज बिदाई की ये घड़ी है,
द्वारे पर बारात खड़ी है,
कर दो बेटी का सोलह श्रृंगार,
हमारे घर बेटी हुईं!
कितनी जल्दी हो जाती बड़ी है,
दुल्हन बन के बिटिया रानी खड़ी है,
ले लो ले लो बलाईया हजार,
हमारे घर बेटी हुईं!
मात पिता के दिल का टुकड़ा,
दुल्हन बन दमके है मुखड़ा,
आज करदो बिदा ससुराल,
हमारे घर बेटी हुईं!
©क्षमा द्विवेदी, राजप्रयाग