लेखक की कलम से
जीत प्यार… कर
Win love
रूठ जाए आपसे यदि प्यार अगर
प्यार से प्यार को जीतिए प्यार कर ।।
ओढ़ कर मृदु स्मृतियों की चुनरिया
मीत को आप जीतिए मनुहार कर ।।
सपनें मधुमय सँजोये जो रात भर
श्रम का प्रेम बन उनका श्रृंगार कर ।।
निश्छल जो गले लगाये तुम्हें सदा
हो मुक्त हृदय उनका सत्कार कर ।।
मुरझायें न कभी नेह सुमन हिय के
हरा भरा मनुज तरु तू संसार कर ।।