ग्लेशियर फटा, पॉवर प्लांट तबाह, 200 से अधिक लोग बहे, 18 की मौत, 180 लापता
2021 की पहली बड़ी घटना
चमोली-18 शव बरामद, 180 लापता, ज्यादातर तपोवन से। 27 लोगों का हुआ रेस्क्यू, 6लोग घायल हुए।
5 पुल क्षतिग्रस्त, एसडीआरएफ के 70 जवान रेस्क्यू में जुटे, एनडीआरएफ की 2 टीमें। आर्मी, आईएएफ के भी 124 जवान मौजूद हैं।
आईटीबीपी के 425 जवान मौके पर मौजूद, 4 मेडिकल टीम, 6 एम्बुलेंस साइट पर।
राजेन्द्र के गुप्ता
चमोली। उत्तराखंड में हिमालयी ग्लेशियर के फटने से कई ज़िलों को हाई अलर्ट किया गया है. इसकी वजह से धौलीगंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. चमोली पुलिस का कहना है कि इससे ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को नुक़सान पहुँचा है. अलकनंदा नदी के आसपास रहने वालों को घर ख़ाली करने के लिए कहा गया है।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि प्रभावित इलाक़ों में मदद के लिए एनडीआरएफ़ की टीम भेज दी गई है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार उत्तराखंड में चमोली ज़िले के जोशीमठ में एक ग्लेशियर टूटने से धौलीगंगा नदी में बाढ़ आ गई है. अधिकारियों ने बताया है कि इससे आसपास के लोग ख़तरे में हैं. पीटीआई के अनुसार इससे पावर प्रोजेक्ट में काम कर रहे 150 मज़दूर ग़ायब हैं।
इससे आसपास के गाँव में बाढ़ के पानी फैलने की आशंका है. आसपास के गाँवों से लोगों को निकाला जा रहा है.
नदी के कई तटबंध टूटने के बाद बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया है.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत घटना स्थल के लिए रवाना हो गए हैं. उन्होंने ट्वीट कर अफ़वाह पर ध्यान नहीं देने और पुराने वीडियो नहीं शेयर करने का आग्रह किया है.
उन्होंने अपने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि इससे ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को नुकसान पहुँचने की आशंका है.
उन्होंने लिखा कि नदी में अचानक पानी आने से अलकनंदा के निचले क्षेत्रों में भी बाढ़ की आशंका है. तटीय क्षेत्रों में लोगों को अलर्ट किया गया है. नदी किनारे बसे लोगों को क्षेत्र से हटाया जा रहा है.
समाचार एजेंसी एएनआई ने आईटीबीपी के हवाले से बताया कि उत्तराखंड के चमोली ज़िले के रेनी गाँव के पास बाढ़ आ गई है जिसने नदियों के कई तट और घरों को तोड़ डाले हैं. आईटीबीपी के जवान लोगों की मदद को भेजे गए हैं. जोशीमठ के पास रेनी गाँव में राहत का काम चल रहा है.
चमोली पुलिस के हवाले से एएनआई ने लिखा कि “तपोवन क्षेत्र में एक ग्लेशियर के टूटने से ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट क्षतिग्रस्त हो गया है. अलकनंदा नदी के किनारे रहने वाले लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है।