राजस्थान

करोड़ों की प्रॉपर्टी हड़पने कर दी पत्नी की हत्या, पति भवानी सिंह ने कहा था- कोरोना से हुई मौत; दो साल बाद हुआ खुलासा, दोस्त दोस्त जितेंद्र शर्मा के साथ गिरफ्तार ….

बीकानेर । एक महिला की उसके पति ने हत्या कर दी और परिवारवालों को बता दिया कि कोरोना की वजह से उसकी डेथ हो गई है। महिला के मां-बाप को इस पर यकीन नहीं हुआ और पुलिस को शिकायत देकर मर्डर की आशंका जताई। करीब दो साल तक पुलिस ने इस शिकायत पर गौर नहीं किया। मां-बाप पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के पास पहुंचे। डीजीपी के निर्देश के बाद पूरे मामले की नए सिरे से जांच हुई तो पता चला कि महिला की जान कोरोना ने नहीं, उसके पति ने ही ली थी।

मोनालिसा (40) नाम की महिला की दो साल पहले कोरोना के दौरान जयपुर के बगरू इलाके में मौत हो गई थी। तब उसके पति भवानी सिंह शेखावत ने परिवार को बताया कि कोरोना की वजह से उसकी मौत हो गई और अंतिम संस्कार कर दिया, लेकिन मोनालिसा के पिता स्वप्न चौधरी (78) को शक हुआ। उन्होंने बगरू पुलिस को शिकायत देकर आशंका जताई कि उनकी बेटी की हत्या की गई है। भवानी सिंह प्रॉपर्टी कारोबारी है।

पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही थी। दो साल तक स्वप्न चौधरी परेशान रहे। नवंबर 2022 में उन्होंने डीजीपी उमेश मिश्रा से शिकायत की। उमेश ने बीकानेर पुलिस को इस मामले की जांच के निर्देश दिए। तब जाकर पुलिस हरकत में आई। पत्नी के मर्डर के आरोप में पुलिस ने भवानी सिंह को शनिवार और उसके दोस्त जितेंद्र शर्मा को रविवार को गिरफ्तार कर लिया।

स्वप्न चौधरी ने सदर थाने में चार नामजद और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ बेटी का मर्डर करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवाया था। उनका आरोप था कि झाड़ेली निवासी भवानी सिंह ने अपनी पत्नी मोनालिसा की मौत कोरोना से बताई है, लेकिन उन्हें शक है कि बेटी की हत्या की गई है।

स्वप्न चौधरी ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि बेटी से टेलिफोनिक संपर्क टूट गया था। जब 4 फरवरी 2021 को भवानी सिंह को फोन लगाया तो उसने बताया कि मोनालिसा की कोविड के बाद हालत खराब है। उसे हम हवाई रास्ते से अहमदाबाद लेकर जा रहे हैं। इसके कुछ दिन बाद भवानी सिंह का फोन आता है कि हम मोनालिसा को नहीं बचा सके। तब हमें शक हुआ, क्योंकि हमें कोई जानकारी ठीक से नहीं मिल पा रही थी।

बीकानेर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमित बुडानिया ने बताया कि जब मामले की जांच की गई तो भवानी सिंह और उसकी मां ने मौत के अलग-अलग कारण और रिकार्ड दिए थे। दोनों के बयानों में मोनालिसा की मौत की तारीख और घटना के संबंध में अलग-अलग बात कही गई।

पति भवानी का कहना था कि उसने मृतका की मां को फोन कर मौत की जानकारी दी थी। वहीं, मां का कहना था कि उसके पास कोई फोन नहीं आया। पुलिस ने कॉल रिकॉर्ड खंगाले तो पता चला भवानी ने फोन नहीं किया था। भवानी सिंह के बयान संदिग्ध लग रहे थे।

पुलिस पूछताछ में भवानी ने पहले कहा- कोरोना के कारण पत्नी की मौत हो गई। फिर बयान बदलते हुए कहा कि मोनालिसा फिसल गई थी। इससे वो बेहोश हो गई। बाद में उसकी मौत हो गई। भवानी ने बताया कि उसके सिर में चोट लगने पर अपने दोस्त और उसकी पत्नी को बुलाया था और फिर अस्पताल ले गए थे।

पुलिस ने जब संबंधित अस्पताल का रिकॉर्ड चेक किया तो पता चला कि भवानी मोनालिसा को अस्पताल लेकर गया ही नहीं था। यहां तक कि माता-पिता की अनुमति के बिना ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया था। मां रुना चौधरी को एक महीने तक गुमराह किया गया। अभी पुलिस पता लगा रही है कि भवानी ने कहां, कैसे और कब मोनालिसा की हत्या की थी? इसमें उसके दोस्तों की क्या भूमिका थी?

स्वप्न चौधरी ने मोनालिसा के पति भवानी सिंह शेखावत, रविंद्र रामपुरिया, चिराग रामपुरिया, जसवंत जाट तथा एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ मर्डर का मामला दर्ज करवाया था। शनिवार को आरोपी भवानी सिंह को पुलिस ने हत्या और साक्ष्य छुपाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अब अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी कर मोनालिसा की मौत से जुड़े तथ्यों का खुलासा करेगी।

बीकानेर के जयपुर रोड पर रहने वाले स्वप्न चौधरी ने बताया कि जयपुर रोड स्थित करोड़ों रुपए की बेशकीमती जमीन को हड़पने के लिए ही भवानी सिंह ने उसकी बेटी से नजदीकियां बढ़ाकर शादी रचाई थी। वह पहले से दो बच्चों का पिता था। सारा खेल भवानी सिंह ने एक अन्य व्यक्ति रविंद्र रामपुरिया के इशारे पर किया। सूत्रों के मुताबिक, भवानी मोनालिसा के पिता की जमीन को रविंद्र रामपुरिया को बेचना चाहता था। आरोपियों ने उसकी बेटी की हत्या के लिए कई लोगों को सुपारी भी दी थी, लेकिन वे उसमें कामयाब नहीं हुए।

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