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शहाबुद्दीन की हिना और अवध बिहारी के नाम पर सीवान में उठा-पटक

सीवान.

बिहार विधानसभा के अध्यक्ष पद पर लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के मजबूत सिपाही रहे अवध बिहारी चौधरी के साथ उनकी पार्टी ने ही खेला कर दिया। वह सीवान पहुंचे तो स्वागत हुआ कि लोकसभा का टिकट लेकर आए हैं। एक महीने में कई बार कह चुके थे कि टिकट उन्हें मिल रहा है, लेकिन मंगलवार को तो उन्होंने कह भी दिया कि टिकट मिल गया है। लेकिन, कुछ ही घंटे बाद वह घिर गए।

राजद ने लोकसभा चुनाव के लिए अपने खाते की 23 सीटों में से सिर्फ सीवान के ही प्रत्याशी की औपचारिक घोषणा नहीं की। सीवान से टिकट मिलने का दावा वह अब भी कर रहे, लेकिन पार्टी लालू प्रसाद के पुराने विश्वासी दिवंगत पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन की बीवी हिना शहाब को लेकर अटकी हुई है। पार्टी हिना को अभी छोड़ना नहीं चाह रही, जबकि अरसे से इस परिवार से राजद का नाता टूटा हुआ है।

हिना शहाब निर्दलीय उतरीं तो मुश्किल
मो. शहाबुद्दीन के इंतकाल के बाद से यह परिवार कई बार मुश्किलों में घिरा। बीच में जब महागठबंधन की सरकार थी, तब भी मो. शहाबुद्दीन के बेटे को कई बार मुसीबतों में घिरा देख मां हिना शहाब को लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव और राजद से बहुत सारी उम्मीदें थीं। वह उम्मीदें पूरी होती नहीं दिखीं और पार्टी के कार्यक्रमों में तवज्जो नहीं मिली तो हिना शहाब ने अलग रास्ता अख्तियार कर लिया। उन्होंने कई बार खुद को राजद का सिपाही बताया तो कई बार खुद को न्यूट्रल भी बताया। अब वह खुद को राजद का सिपाही न बताकर निर्दलीय उतरने की तैयारी में नजर आयीं तो राजद को इस सीट के साथ ही मुसलमान वोट बैंक पर खतरा दिखा। चाणक्या इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिकल राइट्स एंड रिसर्च के अध्यक्ष सुनील कुमार सिन्हा कहते हैं- "हिना शहाब के साथ सहानुभूति नहीं रखने पर राजद के MY समीकरण पर चोट पहुंच सकती है, इसलिए 23वां टिकट घोषित नहीं किया गया। अगर हिना शहाब को दिया जाएगा तो जोर-शोर से, वरना बाकी की तरह अवध बिहारी चौधरी जाकर नामांकन कर आएंगे। लालू हिना को साथ रखने के पक्ष में हैं।"

अवध बिहारी चौधरी नाराज भी नहीं होंगे
अवध बिहारी चौधरी विधायक हैं। अरसे तक किनारे रहने के बाद महागठबंधन सरकार में राजद ने उन्हें बिहार विधानसभा का अध्यक्ष बनाया था। पार्टी ने उन्हें जिस काम के लिए उतारा था, वह उन्होंने बखूबी किया। महागठबंधन सरकार में विपक्षी विधायकों पर नकेल कसे रहने के लिए राजद के अवध बिहारी चौधरी को लंबे समय तक याद किया जाएगा। ऐसे में अगर उन्हें सीवान से लोकसभा का टिकट नहीं भी मिलता है तो वह शायद नाराज न हों। मंगलवार को राजद की ओर से सीवान का प्रत्याशी नहीं घोषित होने के बाद भी जब उनसे इस बारे में बात की गई तो वह गोलमोल जवाब देते दिखे। उन्होंने कहा कि पार्टी उनके साथ है। उन्हें टिकट के लिए कहा है। सिम्बल का पेपर तो चुनाव की अधिसूचना के दो-तीन पहले ही अलॉट कर दिया गया।

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