मध्य प्रदेश

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज पूर्व सीएम कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा से फूंकेंगे चुनावी बिगुल

सियासी दृष्टि से भाजपा का आदिवासियों को साधने का एक बड़ा प्रयास समझा जा रहा है शाह का यह दौरा

कैलाश गौर, भोपाल। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के दौरे पर रहेंगे। वे आदिवासियों के आस्था के केंद्र‎ हर्रई ब्लॉक के आंचलकुंड दादा‎ दरबार मंदिर से मप्र में भाजपा‎ के चुनावी अभियान का शंखनाद करेंगे। यहां‎ दादा दरबार में मत्था टेकने और पूजा-अर्चना करने के पश्चात कार्यकर्ताओं की रैली और सभा को संबोधित करेंगे।  वे पार्टी कार्यालय में पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की बैठक लेंगे। इसके बाद अमित शाह नागपुर के लिए रवाना होंगे।

ये रहेगा अमित शाह का कार्यक्रम

  • केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दोपहर 2.10 बजे छिंदवाडा के हर्रई तहसील के ग्राम आंचलकुंड पहुंचेंगे। आंचलकुंड जिले के हर्रई तहसील में है। वे आंचलकुंड दादा दरबार में पूजन करेंगे।
  • दोपहर 3.10 बजे हेलीकॉप्टर से पुलिस ग्राउंड पहुंचेंगे, यहां जनसभा होगी।
  • शाम 4.25 बजे लालबाग रोड स्थित भाजपा कार्यालय पहुंचेंगे और पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं की बैठक लेंगे।
  • शाम 5.30 बजे छिंदवाडा से नागपुर के लिए होंगे रवाना

शाह के इस दौरे से एमपी में सियासी चढ़ा सियासी पारा

राजनीतिक दृष्टि से अमित शाह का यह दौरा आदिवासियों को साधने का भाजपा का एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है। इसलिए इस दौरे से‎ छिंदवाड़ा का ही नहीं समूचे प्रदेश का सियासी पारा चढ़ गया है, क्योंकि यह‎ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का‎ गढ़ है। यहां से उनके बेटे नकुल सांसद हैं और छिंदवाड़ा‎ जिले की सातों सीटों पर‎ कांग्रेस विधायक काबिज हैं। पिछले चुनाव में यहां बीजेपी का खाता भी नहीं खुला था।

भाजपा ने छिंदवाड़ा को इस बार प्रतिष्ठा से जोड़ा

शाह पहली बार छिंदवाड़ा‎ आएंगे। लिहाजा, पूरी प्रदेश भाजपा सक्रिय‎ है। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा 24 मार्च को ही छिंदवाड़ा‎ पहुंच गए। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल समेत दूसरे नेता‎ भी शाह की सभा के लिए जुट गए हैं। भाजपा ने इस बार‎ छिंदवाड़ा को प्रतिष्ठा से जोड़ दिया है।‎ शाह के आने से पहले केंद्रीय मंत्री गिरिराज‎ सिंह के तीन दौरे छिंदवाड़ा में हो चुके हैं।‎

मुख्यमंत्री चौहान, पहुंचेंगे हर्रई

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी हर्रई पहुंच चुके हैं। सीएम दोपहर में छिंदवाड़ा की तहसील हर्रई के बटकाखापा पहुंचेंगे। यहां हेलीपेड बनाया गया है। यहां से दोनों आंचलकुंड दादा‎ दरबार मंदिर पहुंचेंगे। अमित शाह मंदिर में पूजा के साथ आदिवासी धर्म गुरुओं को सम्मानित करेंगे। उनके साथ खाना खाएंगे। इसके बाद सीएम और केंद्रीय गृहमंत्री छिंदवाड़ा में पुलिस ग्राउंड में पहुंचेंगे

आंचलकुंड धाम को लेकर क्या है मान्यता

यह धाम संपूर्ण मध्यप्रदेश के साथ ही महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के लाखों श्रद्धालुओं खासकर आदिवासियों की आस्था का प्रमुख केंद्र माना जाता है। यहां स्थित कुंड में  100 सालों से अखंड धूनी जल रही है। कहा जाता है कि यहां खंडवा के दादाजी धूनीवाले ने ही धूनी जलाई थी, जो आज तक लगातार जल रही है। मान्यता है कि यहां की धूनी की भभूति से लोगों की सभी समस्याओं का समाधान होता है।  आंचलकुंड धाम के मंदिर में दादा जी का दरबार सजा हुआ है। यह क्षेत्र पहले वीरान था। कमलनाथ ने कुछ वर्षों पूर्व इस मंदिर के जीर्णोद्धार का किया और यहां पर एक भव्य मंदिर का निर्माण हुआ। तब से इस क्षेत्र में लगातार श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है।

यह है आंचलकुंड का इतिहास

उपलब्ध जानकारी के अनुसार आज से करीब 100 साल पूर्व आंचलकुंड धाम की स्थापना कंगाल दास बाबा जी ने की थी। दादाजी धूनीवाले ने धूनी जलाते हुए कंगाली बाबा को वरदान दिया कि हम यहीं पर निवास करेंगे और इसी धूनी से सभी के संकट दूर होंगे। तब से लेकर आज तक आंचल कुंड धाम में अखंड धूनी जल रही है। बाबा कंगाल दास जी आदिवासी परिवार सिंगरामी इनवाती के परिवार में जन्मे थे। परिवार मजदूरी करने नरसिंहपुर जाता था, जहां साईंखेड़ा में दादाजी धूनीवाले का दरबार था। वहां जाकर कंगाल दास बाबा रहने लगे और पूजा-पाठ करने लगे। कुछ समय पश्चात वे दादाजी धूनीवाले की पूजा-अर्चना वे यहां आंचल कुंड में करने लगे। उन्होंने यहां दादाजी धूनी वाले की धूनी प्रज्ज्वलित की। ऐसी भी मान्यता है कि आंचलकुंड धाम में खंडवा के दादाजी धूनीवाले केशवानंद जी महाराज और हरिहर महाराज ने आकर अपने भक्त कंगाल दास बाबा को दर्शन दिए थे, वहीं अपने हाथों से यहां धूनी जलाई थी।

आंचलकुंड में हर साल 1 जनवरी को लगता है मेला

आंचल कुंड धाम में हर 1 जनवरी को मेला लगता है जहां काफी संख्या में लोग पूजा करने के लिए आते हैं। 14 जनवरी मकर सक्रांति पर्व 30 जनवरी शिष्य सम्मेलन महाशिवरात्रि पर्व और इसके बाद नौतपा साधना कार्यक्रम होता है, जो 25 मई से 2 जून तक चलता है। गुरु पूर्णिमा एवं रतनदास जी महाराज की बरसी श्री गंगा पंचमी आदि विशेष पर्वो में दरबार में भंडारे का आयोजन होता है। इन आयोजनों में यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।

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