देश

कांग्रेस के निर्णय न ले पाने का अंजाम आज पूरा देश भुगत रहा है : ममता बनर्जी…

पणजी। लगातार तीसरी बार पश्चिम बंगाल की सीएम बनने के बाद ममता बनर्जी के हौंसले बुलंद है। अब वे अपनी पार्टी का विस्तार करना चाहती है। इसी सिलसिले में वह गोवा पहुंची। उन्होंने भाजपा के साथ ही कांग्रेस पर जमकर हमला बोला ओर कहा कि कांग्रेस की वजह से ही मोदी ताकतवर बने हैं।

शनिवार को गोवा में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा और कहा कि अब दिल्ली की दादागिरी बहुत हुई। साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर भी हमला बोला। ममता बनर्जी ने कहा कि कांग्रेस के निर्णय न ले पाने का अंजाम पूरा देश भुगत रहा है। वे राजनीति को गंभीरता से नहीं लेते। कांग्रेस की वजह से मोदी जी और अधिक ताकतवर हो रहे हैं। अगर कोई निर्णय नहीं ले सकता तो उसके लिए देश को क्यों भुगतना चाहिए?

इसके अलावा ममता बनर्जी ने कहा कि कांग्रेस को पहले भी मौका मिला। लेकिन उन्होंने भाजपा के खिलाफ लड़ने के बजाय वे मेरे राज्य में मेरे खिलाफ लड़े। उन्होंने मेरे खिलाफ चुनाव लड़ा, बंगाल में उन्होंने टीएमसी के खिलाफ चुनाव लड़ा। साथ ही उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि मैं कांग्रेस के बारे में चर्चा नहीं करने जा रही हूं क्योंकि यह मेरी पार्टी नहीं है। मैंने अपना क्षेत्रीय दल बनाया है और किसी से समर्थन लिए बिना हमने तीन बार सरकार बनाई। उन्हें फैसला करने दीजिए। यह मेरा तरीका भी है, मैं किसी भी अन्य पार्टी के कामकाज में दखल नहीं देती हूं। मैं अपने पार्टी के बारे में कह सकती हूं और हमारी लड़ाई जारी रहेगी। हम भाजपा के आगे घुटने टेकने वाले नहीं हैं।

इस दौरान उन्होंने क्षेत्रीय दलों के मजबूत होने की वकालत पर की। ममता बनर्जी ने कहा कि हम अब दिल्ली की दादागिरी नहीं चाहते हैं। मैं चाहती हूं कि क्षेत्रीय दलों को मजबूत होना चाहिए। हम चाहते हैं कि संघीय ढांचा मजबूत हो। हमें राज्यों को मजबूत बनाना चाहिए, अगर राज्य मजबूत होंगे तो केंद्र भी मजबूत होगा।

इसके अलावा ममत बनर्जी ने कहा कि हमने आगामी विधानसभा चुनाव में विजय सरदेसाई की गोवा फॉरवर्ड पार्टी के साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि वे छोटी पार्टियों के विलय करने के पक्ष में नहीं हैं। वहीं विजय सरदेसाई ने कहा कि भाजपा के भ्रष्ट और सांप्रदायिक शासन को समाप्त करने के लिए विपक्षी एकता की जरूरत है। हमें अगले साल होने वाले गोवा विधानसभा चुनाव को लेकर भी गंभीर होने की जरूरत है।

Back to top button