मध्य प्रदेश

मंत्री के जिला पंचायत अध्यक्ष बेटे के काफिले को रोका, लगे जूते मारो…के नारे, भाजपा की गुटबाजी एक बार फिर खुलकर आ गई सामने …

इंदौर। मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले के सेंधवा में भाजपा की गुटबाजी एक बार फिर खुलकर सामने आ गई। मध्यप्रदेश सरकार में पशुपालन एवं डेयरी मंत्री प्रेम सिंह पटेल के बेटे बलवंत पटेल को सेंधवा आने पर बीजेपी के ही पूर्व मंत्री अंतर सिंह आर्य के समर्थकों ने काले झंडे दिखाए। उनका काफिला रोककर जूते मारने के नारे लगाए गए। कुछ कार्यकर्ता मारने भी दौड़े। इस दौरान पूर्व मंत्री के समर्थकों की पुलिस के साथ भी धक्का-मुक्की हुई। बलवंत पटेल जिला पंचायत अध्यक्ष भी हैं।

ज्ञात हो कि जिला पंचायत चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए भाजपा ने अंतर सिंह आर्य की बहू कविता आर्य को उम्मीदवार बनाया था। पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल के बेटे बलवंत पटेल ने बागी होकर यह चुनाव लड़ा। बलवंत पटेल को 14 में से 9, जबकि कविता आर्य को 5 वोट मिले थे। बेटे बलवंत की जीत और पार्टी से बगावत के सवाल पर मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने कहा था- अब हम चुनाव जीत चुके हैं। हम सब एक हैं। तब से ही मंत्री और पूर्व मंत्री में अदावत चली आ रही है। जिला पंचायत अध्यक्ष चुने जाने के बाद बलवंत पटेल पहली बार सेंधवा आए हैं। मडगांव फाटे पर उनके काफिले को रोककर प्रदर्शन हुआ। पुलिस ने काफिले को बड़ी मुश्किल से निकालकर मडगांव की ओर रवाना किया। जिला पंचायत अध्यक्ष आज सेंधवा विधानसभा की 10 ग्राम पंचायतों के दौरे पर हैं।

कार्यकर्ताओं की गाड़ियों में की गई तोड़फोड़

मामले में भाजपा के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के जिलाध्यक्ष डॉ. रेलाश सेनानी ने कहा कि हंगामे में कुछ कार्यकर्ताओं की गाड़ियां डैमेज हुई हैं। जिन लोगों ने इस तरह की हरकत की है, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करवाएंगे।

मंत्री पटेल ने घर पर लगाया था कांग्रेस का झंडा…

मंत्री और पूर्व मंत्री की ये गुटबाजी जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव से शुरू हुई थी। बलवंत पटेल को 9 और कविता आर्य को 5 वोट मिले थे। बोर्ड में भाजपा के 10, कांग्रेस के 4 सदस्य हैं। तब कविता आर्य के पति विकास आर्य का आरोप था कि मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने दबाव बनाकर चुनाव जीता है। इससे पहले भी जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने के लिए पार्टी छोड़कर अपने घर पर कांग्रेस का झंडा लगाया था।

बलवंत पटेल ने कविता आर्य को हराया था…

19 दिसंबर 1956 को जन्मे बड़वानी विधायक प्रेम सिंह पटेल 1980 में सरपंच बने थे। 10 साल सरपंच रहे। इससे पहले गांव के पटेल रहे। 1990 में जनपद उपाध्यक्ष बने। 1993 में भाजपा से पहला विधानसभा चुनाव जीते। तब खरगोन जिले की 10 सीट में से एकमात्र बड़वानी सीट पर भाजपा जीती थी। 1998 में विधानसभा चुनाव में साले सायसिंह पटेल को हराया था। 2003 में तेरसिंह पटेल को हराया। 2008 में राजन मंडलोई को हराया। 2013 में कांग्रेस प्रत्याशी और भतीजे रमेश पटेल से हारे।

2017 में निकाय चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। 2018 में त्रिकोणीय मुकाबले में निर्दलीय राजन मंडलोई और कांग्रेस प्रत्याशी रमेश को हराया। 2 साल पहले शिवराज सरकार के कैबिनेट विस्तार में उन्हें मंत्री बनाया गया। तब भाजपा के 12, सिंधिया गुट के 5 और कांग्रेस छोड़कर आए 3 नेताओं को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी।

 

 

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