मध्य प्रदेश

विदिशा में पति, पत्नी और 2 बच्चों की एक साथ उठी अर्थी, जिसने भी ये मंजर देखा उसकी भर आई आंखें

अंतिम विदाई देने उमड़ी भीड़, दोनों बच्चों की लाइलाज बीमारी से परेशान भाजपा नेता ने पत्नी और दोनों बेटे के साथ किया सुसाइड

विदिशा। मध्यप्रदेश के विदिशा में गुरुवार को जहर खाकर सुसाइड करने वाले भाजपा नेता संजीव मिश्रा, उनकी पत्नी और दोनों बच्चों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया। आज सुबह 9.45 बजे चारों शवों को पोस्टमॉर्टम के बाद घर लाया गया, तो उन्हें अंतिम विदाई देने भारी भीड़ जमा हो गई। आलम ये था कि पूरी गली पट गई। जब एक ही परिवार के चार लोगों की एक साथ अर्थियों का यह मंजर जिसने भी देखा, उसकी आंखें भर आईं।

बीजेपी और पूर्व पार्षद नेता संजीव मिश्रा और उनकी पत्नी नीलम को एक साथ, जबकि बेटों अनमोल और सार्थक की 2 फीट दूर चिताएं सजाई गईं। संजीव के छोटे भाई ने भाई-भाभी को मुखाग्नि दी। उनके दोनों बेटों को मुखाग्नि भाजपा नेता के बड़े भाई के बेटे ने दी। ज्ञात हो कि विदिशा में पूर्व पार्षद और भाजपा के दुर्गानगर मंडल उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा अपने दोनों बेटों की लाइलाज बीमारी मस्कुलर डिस्ट्रॉफी को लेकर परेशान थे। गुरुवार शाम करीब 6 बजे उन्होंने अपने घर का दरवाजा अंदर से बंद कर परिवार सहित जहर खा लिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने गंभीर हालत में पति-पत्नी और दोनों बच्चों को जिला अस्पताल लाया गया, जहां पहले दोनों बेटों और बाद में संजीव मिश्रा, फिर उनकी पत्नी ने दम तोड़ दिया। आज शुक्रवार को चारों का अंतिम संस्कार किया गया।

ज्ञात हो कि, खुदकुशी से कुछ दिन पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली, उसमें लिखा – ईश्वर दुश्मन के बच्चों को भी ना दें यह बीमारी, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी। पोस्ट देखने के बाद उनके साथी लोगों को पता चला। शाम करीब 6:45 बजे उनके एक परिचित घर पहुंचे तो बाहर से दरवाजा बंद था। उन्होंने किसी अनहोनी की आशंका के चलते पुलिस को सूचना दी। पुलिस के पहुंचने पर घर का दरवाजा तोड़कर अंदर देखा तो चारों अचेत अवस्था में पड़े थे। चारों को आनन-फानन में जिला चिकित्सालय लाया गया। जहां संजीव मिश्रा (45 वर्ष), पत्नी नीलम मिश्रा (42 वर्ष), बड़े बेटे अनमोल (13 वर्ष) और छोटे बेटे सार्थक (7 वर्ष) की मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही कई बीजेपी नेता और कार्यकर्ता जिला अस्पताल पहुंचे। साथ ही जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारी भी अस्पताल पहुंचे।

इस मामले में कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने कहा कि संजीव मिश्रा के बच्चों को मस्कुलर डिस्ट्राफी नाम की जेनेटिक बीमारी थी। जिसका कोई इलाज नहीं है। जैसा उन्होंने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि मैं बच्चों को नहीं बचा पा रहा हूं, मैं अब नहीं रहना चाहता। उन्होंने दरवाजा बंद करके सल्फास खा लिया। इससे चारों की अस्पताल में मौत हो गई।

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