राजस्थान

200 में सिलाई संभव नहीं: फ्री यूनिफॉर्म पर गहलोत बोले- पेरेंट्स और टीचर करें मदद, अगले साल सिलाए हुए कपड़े देंगे ….

जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना खत्म होने के बावजूद पोस्ट कोविड की समस्या अब तक लोगों को परेशान कर रही है। युवा नौजवानों को हार्ट अटैक आ रहे हैं। इससे लोग समझ रहे हैं कि उन्हें दिल की बीमारी थी। लेकिन ऐसा नहीं है। पोस्ट कोविड की वजह से ऐसा हो रहा है। मेरे भी दिल की कोई बीमारी नहीं थी। मैं दो बार कोरोना संक्रमित हुआ। उसकी वजह से मेरे हार्ट में स्टेंट लगा है। मैं आप सभी लोगों से अपील करना चाहूंगा कि आप लोग भी अपना ध्यान रखें। पोस्ट कोविड की वजह से थकान जल्दी आती है। किसी को किडनी, हार्ट और लंग्स में प्रॉब्लम आती है। डॉक्टर्स के अनुसार कैसी भी बीमारी की शुरुआत हो सकती है। इसलिए लगातार मेडिकल चेकअप करवाएं और खुद का ध्यान रखें।

राजस्थान में सरकारी स्कूल के बच्चों को फ्री यूनिफॉर्म और बाल गोपाल योजना की आज सीएम गहलोत ने शुरुआत कर दी है। इस दौरान गहलोत ने ये भी कह दिया कि 200 रुपए से स्कूल ड्रेस की सिलाई संभव नहीं है। पेरेंट्स को बोल रहा हूं। कुछ खर्चा आप लोग भी करो। जिससे की स्टूडेंट्स की स्कूल यूनिफॉर्म सिलवाए। कुछ लोग घर में भी ड्रेस सिल सकते हैं। टीचर से भी कहूंगा कि वह इस में अपनी भूमिका निभाई और अपने जिलों के टेलर्स को कन्वेंस कर कम से कम रेट में स्टूडेंट्स की यूनिफॉर्म सिलवाने की कोशिश करें।

राजस्थान के 68 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स को फ्री स्कूल ड्रेस और दूध दिया जाएगा। मुख्यमंत्री निवास पर वर्चुअल कार्यक्रम में सीएम गहलोत ने 6 स्टूडेंट्स को स्कूल ड्रेस देकर योजना की शुरुआत की।

गहलोत ने कहा- हम 2 जोड़ी यूनिफॉर्म की सिलाई के लिए 200 रुपए भी दे रहे हैं। 200 रुपए में स्कूल ड्रेस की सिलाई संभव नहीं है। इस दौरान गहलोत ने सीनियर IAS अधिकारी अखिल अरोड़ा को कहा- मैं यह बात तुम्हें नहीं कह रहा हूं। मैं यह पेरेंट्स को बोल रहा हूं। कुछ खर्चा आप लोग भी करो। स्टूडेंट्स की स्कूल यूनिफॉर्म सिलवाए। कुछ लोग घर में भी ड्रेस सिल सकते हैं। फिर भी मैं टीचर से भी कहूंगा कि वह इस में अपनी भूमिका निभाएं। अपने जिलों के टेलर्स को कन्वेंस कर कम से कम रेट में स्टूडेंट्स की यूनिफॉर्म सिलवाने की कोशिश करें।

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा- अगले शैक्षणिक सत्र तक हम कोशिश करेंगे कि स्टूडेंट्स को सप्ताह में 3 से 6 दिन तक दूध दिया जाए। क्योंकि दूध पूर्ण आहार की श्रेणी में आता है। इसलिए हम फाइनेंशियल मैनेजमेंट कर बच्चों को हर दिन दूध देने की कोशिश करेंगे। गहलोत ने कहा- हमने इस बार भी स्टूडेंट्स को रेडिमेड यूनिफॉर्म देने की सोची थी। स्टूडेंट्स के साइज को लेकर हमारे पास कोई डेटा नहीं था। इसलिए इस बार यूनिफॉर्म का कपड़ा दिया गया। अगली बार हम कोशिश करेंगे कि बच्चों को सिली हुई यूनिफॉर्म दी जाए। इसके लिए हर साइज में यूनिफॉर्म सिलवाए जाएगी।

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