मध्य प्रदेश

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व मटकुली बन रहा पर्यटन हब

भोपाल

वन समितियों और स्थानीय समुदायों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में वन विभाग ने एक नई पहल की है। प्रदेश का एक मात्र हिल स्टेशन का दर्जा प्राप्त करने वाले पचमढ़ी के पास स्थित मटकुली को स्थानीय समुदायों की मदद से ईको पर्यटन विकास बोर्ड और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के सहयोग से कुछ महीने के अंदर ही बोर्ड प्रदेश का पर्यटन हब बनाने जा रहा है।

ईको पर्यटन विकास बोर्ड के इस प्रस्ताव को शासन ने मंजूरी दे दी है। ईको पर्यटन विकास बोर्ड की मुख्य कार्यपालन अधिकारी समिता राजौरा ने बताया कि पचमढ़ी के रास्ते पर स्थित होने से यहां पर्यटकों की कभी कमी नहीं रहेगी। मटकुली अपने आप में काफी रमणीय स्थल होने के चलते पर्यटकों का ध्यान स्वयं आकर्षित करने में सक्षम हैं।  बोर्ड यहां पर टैÑकिंग, कैंपिंग का काम शुरू करवा दिया है। उन्होंने बताया कि अगर सब कुछ सही ढंग से चलता रहा तो 3 महीने के  अंदर ही मटकुली पर्यटकों के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाएगा।  मटकुली को पर्यटक रेस्टिंग प्लेस के रूप में इस्तेमाल कर सकते है।

भोपाल समिति बैठक में होगा शामिल
मटकुली को अंतिम रूप से तैयार करने के लिए इसी सप्ताह भोपाल की एक समिति मटकुली जाकर वहां की स्थानीय समिति के साथ बैठक करने वाली है। बैठक के दौरान समिति पर्यटन को और बेहतर बनाने के लिए अपनी रणनीति स्थानीय लोगों के साथ साझा करेगी।

लाभांश का हिस्सा स्थानीय समुदायों को
स्थानीय समुदायों को रोजगार परक बनाने के लिए मटकुली की पूरी जिम्मेदारी स्थानीय स्थानीय समुदायों के पास होगी। ईको पर्यटन बोर्ड और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व बतौर नोडल एजेंसी की तौर पर काम करेंगे। बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय समितियों को सशक्त बनाने के लिए बोर्ड ने ऐसा निर्णय लिया है। निजी लोगों के पास जिम्मेदारी होने से वह अपनी मनमानी करते है और बोर्ड को पर्याप्त राजस्व भी नहीं देते है। जिसके चलते बोर्ड को ऐसा निर्णय लेना पड़ा। इससे समितियों के पास स्थायी रूप से एक रोजगार भी होगा और आने वाले समय में वह आर्थिक रूप से खुद को मजबूत भी बना लेंगे। इस तरह की पहल बोर्ड अन्य स्थानों पर करने जा रहा है।

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