लखनऊ/उत्तरप्रदेश

मदरसा सर्वेक्षण को लेकर गैरमान्यता पर बवाल, मान्यता वाले भी सुविधाओं को परेशान ….

गाजीपुर। मान्यता प्राप्त मदरसा में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से नि:शुल्क किताबों का वितरण किया जाने के लिए शासन से निर्देश है। लेकिन अबतक मदरसा में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को किताब नहीं मिला है। जिससे छात्रों के पठन पाठन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अल्पसंख्यक विभाग की ओर से किताबों के लिए बेसिक शिक्षा विभाग को 10 अगस्त को छात्रों की संख्या सहित सभी बिंदुओं पर पत्र भेज दिया गया है।

यूपी में इस समय गैर मान्यता प्राप्त मदरसो के सर्वेक्षण को लेकर बवाल मचा हुआ है। सत्ता पक्ष और विपक्ष में वार-पलटवार हो रहा है। सर्वेक्षण के पीछे सरकार का तर्क है कि यहां पर सुविधाओं का आंकलन किया जा रहा है। इधर, मान्यता प्राप्त मदरसों में भी छात्रों को सुविधाएं नहीं मिलने की बातें सामने आई हैं। मान्यता प्राप्त मदरसों में अभी तक किताबें नहीं आ सकी हैं। यह किताबे बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से निशुल्क दी जाती हैं। मामला गाजीपुर से जुड़ा है। मान्यता प्राप्त 128 मदरसा संचालित हैं।

अल्पसंख्यक विभाग के दिशा निर्देशन में 128 मदरसों का संचालन किया जा रहा है। इन मदरसों में छात्रों की शिक्षा के लिए दीनी तालीम के साथ ही दुनियावी तालीम के लिए बेसिक शिक्षा विभाग के द्वारा किताबें उपलब्ध कराई जाती हैं। लकिन बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से अबतक किसी भी मदरसा में किताबें उपलब्ध नहीं हो सकी है। मान्यता प्राप्त मदरसा संचालकों की ओर से पूरानी किताबों के सहारें छात्रों को पढ़ाया जा रहा है।

अल्पसंख्यक अधिकारी प्रभात कुमार ने बताया कि छात्रों के किताब की उपलब्धता कराने को लेकर बीएसए को पत्र भेजा गया है। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से मदरसों में किताब उपलब्ध करायी जाती है। किताब नहीं होने के कारण मदरसों में पुरानी किताबों से छात्र छात्राओं का पठन पाठन चल रहा है।

बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमंत राव के अनुसार सात अक्टूबर तक सभी मदरसा में किताबें उपलब्ध करा दी जाएगी। किताबों के सत्यापन का कार्य चल रहा है। पांच लाख 17 हजार किताबें आयी है। सत्यापन पूर्ण होतें बीआरसी के माध्यम से मदरसों में किताब भेज दी जाएगी।

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