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शोध : पाकिस्तान की आवाम निर्वाचन आयोग पर सबसे कम भरोसा करती है

इस्लामाबाद
 पाकिस्तान में हुए एक सर्वेक्षण में पाकिस्तानी सेना को 74 प्रतिशत अनुमोदन रेटिंग के साथ 'सबसे भरोसेमंद संस्था' बताया गया है। वहीं, आठ फरवरी को होने वाले आम चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग को आठ संस्थानों में सबसे कम भरोसेमंद बताया गया है। यह जानकारी  एक मीडिया रिपोर्ट में सामने आई।

एक रिपोर्ट के मुताबिक इप्सोस पाकिस्तान ने जनवरी 2024 में वॉयस ऑफ अमेरिका (वीओए) के लिए 'पाकिस्तानी युवाओं की राजनीतिक भागीदारी परिदृश्य' नामक सर्वेक्षण किया। इसमें कहा गया कि सर्वेक्षण का नमूना आकार 2,050 उत्तरदाताओं का था। लक्षित उत्तरदाता देश भर से 18-34 आयु वर्ग के लोग थे। पाकिस्तानी सेना के बाद, देश की दूसरी सबसे भरोसेमंद संस्था उच्चतम न्यायालय को बताया गया जिसकी अनुमोदन रेटिंग 58 प्रतिशत है, जबकि मीडिया तीसरी सबसे बड़ी भरोसेमंद संस्था साबित हुई है। अखबार ने कहा कि उत्तरदाताओं के अनुसार राजनीतिक दलों की अनुमोदन रेटिंग 50 प्रतिशत है।

साल 2015 में भरोसेमंद संस्थान के रूप में पाकिस्तानी सेना के पास 75 प्रतिशत रेटिंग अंक थे. 8 सालों में स्थिति बदली है और सेना के प्रति विश्वास में 1 रेटिंग अंक का नुकसान हुआ है. हालांकि, इसका ज्यादा असर देखने को नहीं मिलता है, क्योंकि कहीं न कहीं लोगों का भरोसा पाकिस्तानी सेना पर बना हुआ है.

सुप्रीम कोर्ट है दूसरी भरोसेमंद संस्था

पाकिस्तानी सेना के बाद पाकिस्तान में सबसे भरोसेमंद दूसरी संस्था सुप्रीम कोर्ट है. सुप्रीम कोर्ट को 58 प्रतिशत अप्रूवल रेटिंग अंक प्राप्त हुए हैं. तीसरे स्थान पर मीडिया का नाम आता है. उत्तरदाताओं के जरिए मिले जवाब में राजनीतिक दलों की अप्रूवल रेटिंग 50 प्रतिशत है.

द न्यूज इंटरनेशनल अखबार के मुताबिक इप्सोस पाकिस्तान ने जनवरी 2024 में वॉयस ऑफ अमेरिका (वीओए) के लिए 'पाकिस्तानी युवाओं की राजनीतिक भागीदारी परिदृश्य' नामक सर्वे किया था. इस सर्वे में 2,050 लोग शामिल हुए थे. इनकी उम्र 18 से 34 वर्ष के बीच थी. पाकिस्तान में इस बात पर मतभेद चल रहा था कि क्या मीडिया उन मुद्दों को कवर करती है जो वास्तव में मायने रखती है. 5 में से 2 लोगों का मानना था कि ऐसा नहीं होता है.

युवा निष्पक्षता में रखते हैं विश्वास

वहीं सर्वे में भाग लेने वालों लोगों से पूछा गया कि क्या आम चुनावों के दौरान कोई पार्टी धांधली कर सकती है तो 3 युवाओं में से 2 युवाओं ने अपना जवाब देते हुए कहा कि वह आगामी 2024 चुनावों में निष्पक्षता का विश्वास रखते हैं.

चुनाव में पड़ सकता है अंतरराष्ट्रीय प्रभाव?

सर्वे में भाग लेने वाले लोगों से जब पूछा गया कि चुनाव प्रकिया में अंतरराष्ट्रीय प्रभाव पाकिस्तानी सरकार के प्रदर्शन पर सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है? इस पर सर्वे में हिस्सा ले रहे 3 प्रतिभागियों में से एक का मानना था की पाकिस्तान पर 'अंतरराष्ट्रीय प्रभाव' है.

सर्वे में हिस्सा ले रहे 75 प्रतिशत उत्तरदाताओं (4 में से 3) का मानना ​​है कि आगामी चुनाव पाकिस्तान को सही दिशा में ले जाएंगे और 3 में से 2 उत्तरदाताओं को उम्मीद है कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष होंगे.

 

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