लखनऊ/उत्तरप्रदेश

बैनर लगाकर भाजपा से गुहार- योगी जी! ध्वस्त करवा दिजिए KDA का बनाया हमारा मौत का अपार्टमेंट ….

कानपुर। लोगों का आशियाना गिराने के लिए देश-विदेश में प्रख्यात हो चुकी भाजपा की योगी सरकार से लोग अब खुद आगे बढ़कर निवेदन करने लगे हैं। योगी जी… ध्वस्त करा दीजिए हमारा अपार्टमेंट। नहीं चाहिए भ्रष्टाचार से बना आशियाना। कानपुर के किदवईनगर ओ ब्लॉक स्थित केडीए रेजीडेंसी अपार्टमेंट में चारों तरफ इस तरह के स्लोगन लिखे बैनर टंगे होने से हड़कंप मच गया। महीने की शुरुआत में अपार्टमेंट में कई जगह बीम दरक गई थी। मंडलायुक्त से शिकायत के बाद शुरू हुई जांच में देरी पर अपार्टमेंट में रहने वालों का गुस्सा फूट पड़ा। शनिवार को लोगों ने बैनर टांगने के बाद प्रदर्शन किया। आनन-फानन में केडीए के एक्सईएन और आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने लोगों को आश्वासन दिया।

किदवईनगर ओ ब्लॉक में चार साल पहले बने केडीए के ए श्रेणी के अपार्टमेंट के 4 टॉवरों में कुल 192 फ्लैट हैं। इनमें 172 परिवार रहते हैं। बीते 28 अगस्त को अपार्टमेंट में रहने वाले अमित कुमार बोल की नजर पार्किंग एरिया की बीम पर पड़ी, जहां कई दरारें थीं। जानकारी पर अपार्टमेंट में रहने वाले परिवार नीचे आ गए। एक-एक कर ए वन और ए टू ब्लॉक की पार्किंग एरिया में 80 से अधिक दरारें दिखीं तो अपार्टमेंट ऑनर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने 30 अगस्त को मंडलायुक्त राज शेखर से शिकायत की। उन्होंने केडीए को पत्र लिखकर 10 सितंबर तक जांच रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा था।

2 सितंबर को केडीए जोन चार के एक्सईएन धीरेंद्र बाजपेई, एई आरके पांडेय और हरकोर्ट बटलर टेक्निकल युनिवर्सिटी (एचबीटीयू) के विजिटिंग प्रोफेसर रजत खरे केडीए रेजीडेंसी पहुंचे। मशीन लगाकर रिवाउंड हैमर टेस्ट किया, तो कंक्रीट की स्ट्रेंथ एम20 (ठीक) निकली। हालांकि प्लास्टर की स्ट्रेंथ कमजोर आंकी गई। लोगों ने आईआईटी के प्रोफेसर से जांच कराने की मांग की तो वहां की भी टीम ने दौरा कर अपार्टमेंट की बीम दरकने की बात को नकारते हुए कहा कि ये हेयरलाइन क्रेक है। इससे बिल्डिंग को कोई खतरा नहीं है।

वहीं, केडीए रेजीडेंसी के ऑनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के सचिव मधुकर गुप्ता ने बताया कि अपार्टमेंट में समस्याओं का अंबार है। बारिश से बेसमेंट में घुटनों तक पानी भर गया।

केडीए के मुख्य अभियंता रोहित खन्ना का कहना है कि एचबीटीयू एवं आईआईटी कानपुर के तकनीकी विशेषज्ञों की जांच में मिला है कि स्ट्रक्चरल सेफ्टी के लिहाज से बिल्डिंग पूरी तरह सुरक्षित है। विस्तृत रिपोर्ट अगले सप्ताह में उपलब्ध करायी जायेगी। उन्होंने कहा कि केडीए रेजीडेंसी में आवंटियों के मध्य उत्पन्न भ्रम की स्थिति पर संवेदनशीलतापूर्वक समय से निराकरण न कराने पर उपाध्यक्ष ने नाराजगी जताई है और केडीए सचिव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। डिफेक्ट लाईबिलिटी पीरियड में आवंटियों द्वारा व्यक्त की गयी समस्या के निराकरण का जिम्मा ठेकेदार का था। उसे नोटिस भी दिया गया है।

केडीए, अधिशासी अभियंता, धीरेंद्र बाजपेई ने कहा कि आईआईटी ने पूरी बिल्डिंग की जांच की है। स्ट्रक्चर में कोई कमी नहीं है। बिल्डिंग के गिरने का खतरा शून्य है। जो थोड़ी बहुत कमी है, उसे दूर करने का आश्वासन दिया गया है।

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