लखनऊ/उत्तरप्रदेश

रामलला का जन्मोत्सव रामनवमी 17 अप्रैल को मनाया जाना है, गर्भगृह में कितने समय तक रहेंगी सूर्य की किरणें?

नई दिल्ली
रामलला का जन्मोत्सव रामनवमी 17 अप्रैल को मनाया जाना है। इस दिन देशभर में भगवान राम के जन्मदिन का त्योहार मनाया जाता है। अयोध्या में इस बार रामनवमी की अलग धूम है। यहां इसी साल जनवरी महीने में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई। भव्य राम मंदिर का उद्घाटन किया गया। अब रामनवमी को और खास बनाने के लिए रामलला का सूर्य तिलक किया जाएगा। इसके लिए वैज्ञानिकों ने तैयारी कर ली है। गर्भगृह तक सूर्य की किरणों को लाया जाएगा, यह हर रामनवमी के दिन किया जाएगा। इस दौरान तकरीबन 4 से 6 मिनट तक रामलला की मूर्ति के मस्तक पर सूर्य तिलक किया जाएगा। यानी सूर्य की रोशनी रामलला पर इस तरह पड़ेंगी, मानो भगवान राम को सूर्य तिलक लगाया हो। इसका समय और ऐसा करने की वैज्ञानिक विधि की जानकारी सामने आई है।

हर साल कुछ मिनटों के लिए रामलला की मूर्ति पर सूर्य तिलक किए जाने की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है। राम नवमी हिंदू कैलेंडर के पहले महीने के नौवें दिन मनाई जाती है, आमतौर पर यह मार्च-अप्रैल महीने में आती है, जो भगवान राम की जयंती का प्रतीक है। इस साल राम नवमी 17 अप्रैल को मनाई जानी है। ऐसी मान्यता है कि भगवान राम के बाल रूप के दर्शन के लिए सभी देवतागण धरती पर पधारे थे। इस बार रामनवमी को और खास बनाने के लिए वैज्ञानिकों ने रामलला की मूर्ति पर सूर्य तिलक की खास तैयारी की है।

एक शीर्ष सरकारी संस्थान के वैज्ञानिकों ने एक खास तरह के शीशे और लेंस-आधारित उपकरण डिजाइन किया है जो हर राम नवमी पर दिन के समय सूर्य की किरणों को गर्भगृह में इस तरह प्रवेश कराएंगी जो रामलला की मूर्ति के मस्तक पर सुसज्जित हो। ऐसा लगे मानो सूर्य तिलक किया हो। इसे आधिकारिक तौर पर 'सूर्य तिलक प्रोजेक्ट' नाम दिया गया है।

कैसे होगा सूर्य तिलक और कितने समय तक रहेगा
'सूर्य तिलक' प्रोजेक्ट के तहत हर साल राम नवमी पर दोपहर ठीक 12 बजे भगवान राम लला की मूर्ति के मस्तक को सूर्य के प्रकाश से रोशन किया जाएगा। यह प्रक्रिया हालांकि कुछ ही मिनटों के लिए होगी। ऐसा बताया गया है कि यह अवधि 4 से 6 मिनट तक हो सकती है।

किसके जिम्मे सूर्य तिलक प्रोजक्ट
सूर्य तिलक प्रोजक्ट इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स बैंगलोर के सहयोग से किया जाएगा। इसमें लेंस और शीशे इस तरह डिजाइन किया गया है कि जब सूर्य की किरणें इन पर पड़ेंगी तो यह रामलला की मूर्ति पर दिव्य प्रकाश पैदा करेंगी। यह नजारा देखने लायक होगा। इस प्रोजक्ट को आगामी 100 वर्षों तक के लिए डिजाइन किया गया है। हालांकि समय-समय पर लेंस और शीशे की जांच जरूर की जाएगी।

 

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