फिल्म जगत

गाल पर थप्पड़ खाने के बाद राजकपूर बनें लेजेंड एक्टर…

नई दिल्ली। फिल्मी दुनियां के शो मैन राजकपूर अपनी अभिनय और फिल्म निर्माता के रूप में पूरी दुनियां में जाने और पहचाने जाते हैं। बॉलीवुड में सब उनको पापाजी के नाम से पुकारते थे।  बहुत कम ही उम्र में उन्होंने बॉलीवुड में कदम रखकर अपनी खास पहचान बना ली। लेकिन उनके लिए यह रास्ता आसान नहीं था। गाल पर पड़े एक थप्पड़ ने यह मुकाम दिलाया।

छोटी सी उम्र में ही उन्होंने फिल्मों में रुचि दिखाना शुरू कर दिया था। जब पृथ्वीराज कपूर को पता चला कि राज को भी फिल्ममेकिंग में रुचि है तो उन्होंने एक बार अपने एक दोस्त के पास अपने बेटे को भेज दिया। राज कपूर भी खुशी-खुशी पिता के दोस्त की फिल्म के सेट पर चले गए। फिल्म के सेट पर राज देखा करते थे कि फिल्में कैसे बनती हैं, फिल्मों में काम कैसे होता है। फिल्म डायरेक्टर उन्हें नई-नई बात बताते रहते थे। लेकिन उन्होंने इस बीच राज कपूर में दो अजीबों-गरीब बातें नोट की थीं। एक तो ये कि वो फर्स्ट असिस्टेंट से पूछते थे कि क्लोज-अप कहां से कहां तक का है, और दूसरा कि उन्हें क्लैप बजाने का काम दिया जाता था और रेडी रहने के लिए कहा जाता था, पर वो क्लैप कम बजाते थे और अपने आप को ज्यादा कंपोज करते थे, ताकि उनका क्लोज-अप आ जाए और फिर वो वहां से कटिंग ले (फर्स्ट असिस्टेंट से)।

कई बार राज शूटिंग के दौरान शॉट के बीच में फ्रेम के अंदर अपना चेहरा ले आते थे, ये काम वह बार-बार किया करते थे। जिसके बाद राज की इस हरकत से डायरेक्टर साहब बहुत परेशान हो गए थे। फिल्म डायरेक्टर किदार शर्मा ने इस बारे में खुद बताया था और राज कपूर को लेकर कई किस्से शेयर किए थे।

ऐसे में राज कपूर पर एक दिन किदार शर्मा को बहुत गुस्सा आ गया और उन्होंने सेट पर ही पृथ्वीराज कपूर के बेटे को चांटा रसीद दिया। बस फिर क्या था, वहां खड़े हर शख्स को लगा था कि अब जरूर कुछ बवाल होगा क्योंकि राज कपूर पृथ्वीराज कपूर के बेटे थे। फिल्म डायरेक्टर को भी लगा कि राज अब बोलेंगे कि ‘मैं इतने बड़े फिल्ममेकर का बेटा हूं और तुमने मुझपर हाथ कैसे उठाया।’ लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। उल्टा राज कपूर चुपचाप वहां से चले गए।

फिल्म डायरेक्टर किदार शर्मा ने एक इंटरव्यू में बताया था- ‘लेकिन उस रात मुझे नींद नहीं आई। ये वो रात है कि वो राज कपूर बना कैसे। मुझे उस दिन एहसास हुआ कि वो कैमरा को फेस करना चाहता है। वो कैमरा के पीछे काम नहीं करना चाहता, डायरेक्टर नहीं बनना उसे। फिर सुबह मैं वापस आया। अपने टाइपराइटर से मैंने एक कॉन्ट्रैक्ट टाइप किया और उस जमाने में एक 5000 रुपए का चेक लिखा।’

उन्होंने आगे बताया- ‘ये हमेशा की तरह रोज ऑफिस में सवेरे आया और बोला पापा जी नमस्कार। मैंने कहा बेटा इधर आ, तो वो बोला कि क्यों दूसरे गाल पर भी दोगे। मैंने कहा तू अंदर तो आ। ये जब अंदर आया तो मैंने उसे कॉन्ट्रैक्ट थमाया। मैं एक फिल्म बना रहा था- ‘पूअर गॉड’। वो कॉन्ट्रैक्ट और चेक देख कर वो रोने लगा। मैंने पूछा- कल जब मैंने मारा तो तू नहीं रोया आज तू रो रहा है। वो बोला -आप बर्बाद हो जाएंगे आप ये मत बनाइए। मैं कुछ नहीं जानता। तो मैंने कहा कि नहीं तुम बहुत कुछ करोगे।’

Back to top button