मध्य प्रदेश

राहुल गांधी ने भाजपा पर किया कड़ा प्रहार: बोले- बीजेपी मेरी इमेज खराब करने पर करोड़ों खर्च कर रही, लेकिन मेरी शक्ति उतनी ही बढ़ रही

राहुल ने इशारों में कहा- अब सिंधिया भरोसे के लायक नहीं, गहलोत और पायलट को बताया पार्टी का एसेट

इंदौर। राहुल गांधी ने बीजेपी पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा है कि भाजपा मेरी इमेज खराब करने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। लोग सोचते हैं कि यह मेरे लिए नुकसानदायक है, लेकिन यह मेरे लिए फायदेमंद साबित हो रहा है। जितना पैसा यह मेरी इमेज खराब करने में डालेंगे, उतनी ही शक्ति मुझमें आएगी। क्योंकि, सच्चाई को छुपाया नहीं जा सकता। व्यक्तिगत हमले इसलिए आते हैं कि आप बड़ी शक्तियों से लड़ोगे तो पर्सनल अटैक आएगा। अगर मुझ पर ये हमले हो रहे हैं तो मुझे लगता है कि मैं सही काम कर रहा हूं। ये एक प्रकार से मेरा गुरू है। ये मुझे सिखाता है कि मुझे इधर जाना है, उधर नहीं जाना। लड़ाई क्या है, लड़ाई उसकी सोच को गहराई से समझने की है। मैं धीरे धीरे आरएसएस और भाजपा की सोच को अच्छे से समझने लगा हूं और मैं लड़ाई में आगे बढ़ रहा हूं। उन्होंने कहा कि हर समय वक्त बदलता रहता है। आरएसएस के लोग सोचते हैं कि वक्त नहीं बदलता है।

जो लोग खरीदे गए हैं, उन पर वापस भरोसा नहीं करना चाहिए

राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के छठे दिन सोमवार को इंदौर में थे, जहां उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया के सवालों के जवाब दिए। इस मोके पर राहुल राहुल गांधी से जब पूछा गया गया कि कांग्रेस से गए लोगों की घर वापसी हो सकती है क्या, तो उन्होंने कहा कि यह सवाल कांग्रेस अध्यक्ष और प्रदेश नेतृत्व से पूछना चाहिए। मैं अपनी व्यक्तिगत राय दे सकता हूं। मेरा मानना है कि जो लोग खरीदे गए हैं, उन पर वापस भरोसा नहीं करना चाहिए। मध्यप्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव में 58 सीटें बढ़ीं और वोट परसेंट भी बढ़ा। भारत जोड़ो यात्रा से एक मोमेंट दिख रहा है, इसे बरकरार रखने के बारे में क्या सोचते हैं? इस पर राहुल बोले- मैं नंबरों पर भरोसा नहीं करता। राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रहे घमासान पर उन्होंने कहा कि मैं इसमें नहीं जाना चाहता कि किसने क्या कहा। ये दोनों नेता हमारे एसेट हैं। मैं इस बात की गारंटी दे सकता हूं कि राजस्थान में इसका भारत जोड़ो यात्रा पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

तीन-चार लोगों को देश का पूरा धन दे दिया, जो देश की नींव हैं, उन्हें छोड़ा

महंगाई और बेरोजगारी पर सवाल पूछा तो राहुल गांधी ने कहा कि बेरोजगारी का सबसे बड़ा कारण है। तीन-चार लोगों के हाथ हिन्दुस्तान को दे दिया। छोटे कारोबारियों से पूछ लीजिए कि नोटबंदी और जीएसटी ने क्या किया है। जो इस देश की नींव है, जो किसान हैं, उन्हें छोड़ दिया गया। बीमा का पैसा नहीं मिलता, खाद नहीं मिलता। हमारी सरकार थी मनरेगा चालू किया था। मजदूरों की मदद की, उनका रेट बढ़ गया। देश के तीन-चार पूंजीपति हर क्षेत्र में एकाधिकार करते जा रहे हैं। टेलीकॉम, रिटेल, इंफ्रास्ट्रक्चर बाकी सब। इससे स्मॉल स्केल और मीडियम बिजनेस वालों की ग्रोथ रुक गई है। इसलिए जो ग्रोथ पोटेंशियल देते हैं, उस पर ध्यान देना जरूरी है। हिन्दुस्तान को चलाना एक डायनामिक काम है। जनता के दिल में क्या है, वो चाहती क्या है उस आवाज को सुनो। आप जनता की आवाज सुनेंगे तो आपको जवाब मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि आंख मूंदकर निजीकरण हो रहा है। कॉलेज, यूनिवर्सिटी, हॉस्पिटल, सब जगह। हम चाहते हैं कि स्कूल और अस्पताल सरकार की जिम्मेदारी है। मैन स्कूल और हेल्थ केयर सरकार को देखना चाहिए।

देश का नेचर, संस्कृति, इतिहास, डीएनए क्या है, ये याद दिलाना ही यात्रा का उद्देश्य

क्या आप फिर से अमेठी से चुनाव लड़ेंगे? इस सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा- ये सब भारत जोड़ो यात्रा के मुख्य विचार से भटकाने वाली बातें है। आप कल के अखबार में ये लिखना चाहते है कि राहुल गांधी अमेठी से लड़ेंगे या राहुल गांधी नहीं लड़ेंगे। इसका उत्तर आपको एक से डेढ़ साल बाद ही मिलेगा। अभी मेरा ध्यान भारत जोड़ो यात्रा पर है। राहुल ने कहा कि आरएसएस और बीजेपी इस देश को अपनी सोच से चला रहे हैं। देश हिन्दुस्तान की सोच से चलना चाहिए। सरकार की सोच से नहीं चलना चाहिए। राहुल ने कहा कि यह यात्रा पॉलिटिकल नहीं है। इसका उद्देश्य देश को याद दिलाना है कि इस देश का नेचर, क्या है, संस्कृति क्या है, इतिहास क्या है, डीएनए क्या है। राहुल ने कहा कि मैंने जो इंदौर में देखा, जो पब्लिक रिस्पांस मध्यप्रदेश में है, बाकी स्टेटों से आगे हैं। वो मुझे केरला से लेकर महाराष्ट्र तक देखने को नहीं मिला।

सबसे सुखद क्षण के बारे में यह बोले राहुल

यात्रा के सबसे सुखद क्षण के बारे में पूछने पर राहुल ने कहा कि एक नहीं कह सकता, बहुत सारे क्षण हैं। ऐसी यात्रा मैंने पहले कभी नहीं की थी। शुरुआती 5-10 दिन बाद पता चलता है कि हजारों किमी चलना है। मेरे घुटने और पैरों में दर्द होने लगा, पुराना दर्द उभर आया। फिर डर लगा कि इतना चल पाऊंगा कि नहीं। फिर धीरे-धीरे डर खत्म हो गया। ऐसी चीजें अच्छी लगती हैं। उस चीज पर आपने जीत पा ली, जिससे आप डर रहे थे। एक छोटी सी लड़की आई, वो मेरे पास नहीं आ रही थी, वो थोड़ा दूर चल रही थी। उसने एक चिट्ठी दी और कहा इसे आप बाद में पढ़ना। थोड़ी देर बाद मैंने चिट्ठी को देखा, उसमें लिखा था, आप ये मत सोचो कि आप अकेले चल रहे हो, मेरे माता-पिता आपके साथ चलने की इजाजत नहीं दे रहे हैं, फिर भी आप सोचो कि मैं आपके साथ चल रही हूं।

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