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जयललिता की पार्टी एआईएडीएमके में वर्चस्व की जंग हारे पनीरसेल्वम, पलानीस्वामी बने अंतरिम महासचिव; बैठक में प्रस्ताव पास ….

चेन्नई। तमिलनाडु में जयललिता की पार्टी AIADMK में मचा घमासान अब नया मोड़ लेता हुआ दिख रहा है। जयललिता के बाद पार्टी पर वर्चस्व की जंग में पूर्व मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम को बड़ा झटका लगा है। मद्रास हाईकोर्ट की हरी झंडी मिलने के बाद पलानीस्वामी को पार्टी की जनरल काउंसिल की बैठक में AIADMK का अंतरिम महासचिव चुना गया। इसके अलावा आम परिषद की बैठक में कई प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई है।

दरअसल, तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम की याचिका को खारिज करते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने AIADMK की आम परिषद की बैठक के लिए हरी झंडी दे दी। पनीरसेल्वम ने बैठक को रोकने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दी थी जिसमें अंतरिम महासचिव पद को पुनर्जीवित करने और समन्वयक के साथ-साथ संयुक्त समन्वयक पदों को समाप्त करने का प्रस्ताव था।

परिषद की बैठक में पलानीस्वामी पार्टी के अंतरिम महासचिव के रूप में चुने गए हैं। इसके अलावा पार्टी में महासचिव पद को दोबारा शुरू करने और पार्टी के प्राथमिक सदस्यों द्वारा किसी पद के लिए एक व्यक्ति का चुनाव सुनिश्चित करने के लिए प्रस्तावों पर भी मुहर लगाई गई। साथ ही पार्टी में अब दोहरा नेतृत्व खत्म कर दिया गया है।

उधर हालांकि हाईकोर्ट का फैसला आते ही पनीरसेल्वम समर्थकों ने ई पलानीस्वामी के नेतृत्व में पार्टी की आम परिषद की बैठक से पहले अन्नाद्रमुक कार्यालय का दरवाजा तोड़ दिया। इसके अलावा समर्थकों ने सड़क पर भी नारेबाजी की। दोनों के समर्थक एक दूसरे से भिड़ गए। विरोध के बावजूद पलानीस्वामी बैठक के लिए अपने आवास से रवाना हो गए।

बता दें कि एआईएडीएमके में नेतृत्व को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। पार्टी में दो खेमे बने हुए हैं जिसमें एक पनीरसेल्वम का है तो दूसरा पलानीस्वामी का। पलानीस्वामी खेमा सिंगल लीडरशिप की मांग कर रहा, लेकिन पनीरसेल्वम का गुट इससे पीछे हट रहा था। पनीरसेल्वम और उनके समर्थक चाह रहे हैं कि पार्टी में दोहरी नेतृत्व संरचना आगे भी चलती रही। हालांकि अब पनीरसेल्वम को झटका लगता हुआ दिख रहा है।

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