मध्य प्रदेश

मिशन 2023: दोनों दलों के लिए चुनौती का संकेत – 19 निकायों में से 11 पर बीजेपी, 8 पर कांग्रेस का कब्जा

भोपाल। मध्यप्रदेश में नगर सरकार के शेष बचे थर्ड फेज के 19 नगरीय निकायों के आज सोमवार को आए परिणाम में बीजेपी ने 11 पर और कांग्रेस ने 8 पर जीत का परचम लहराया। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के गढ़ राघौगढ़ में कांग्रेस का कब्जा बरकरार रहा। हालांकि, इन 19 निकायों में पिछले चुनाव में भी यही स्थिति थी और संख्या के लिहाज से दोनों ही दलों को कोई फर्क नहीं पड़ा। हालांकि, कुछ निकायों में उलटफेर जरूर हुआ है।

ज्ञात हो कि, मध्यप्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं और चुनाव से पहले संपन्न हुए यह चुनाव विधानसभा चुनाव का ‘आखिरी टेस्ट’ माना जा रहा है। राजनीतिक समीक्षकों के मुताबिक इन निकायों की संख्या भले ही कम थी, लेकिन इनके परिणाम से संदेश बड़ा निकला है। हालांकि, पूरे निकायों की बात करें तो कुल 413 में से 316 पर बीजेपी ने कब्जा जमाया है। इस लिहाज से देखें तो साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती हो सकती है। इस इम्तिहान के लिए 9 महीने का ही वक्त बाकी है।

4 नगर पालिका और 4 परिषदों में हुआ फेरबदल

इन 19 निकायों में वर्ष 2015 के चुनाव में भी यही स्थिति थी, लेकिन इस बार 8 निकायों में उलटफेर हुआ है। पीथमपुर नगर पालिका, बड़वानी जिले की पलसूद और धार जिले की धामनोद व कुक्षी नगरपालिका बीजेपी से कांग्रेस ने छीन ली है, जबकि बड़वानी, धार और मनावर नगर पालिका व अंजड़ नगर परिषद बीजेपी ने कांग्रेस से छीन ली।

शिवराज ने दी बधाई, कमलनाथ बोले-जनता का मन कांग्रेस में

सीएम शिवराज सिंह ने बीजेपी की जीत के लिए बीजेपी कार्यकर्ताओं को बधाई दी है। साथ ही जनता का भी आभार व्यक्त किया है। वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने भी 19 में से 8 निकाय में जीत के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को बधाई दी। कमलनाथ ने कहा कि जनता ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि उसका मन कांग्रेस के पक्ष में है। दोनों नेताओं ने परिणामों को लेकर ट्वीट किए है। गुना जिले की राघौगढ़ पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह का गढ़ रहा है। यहां कांग्रेस ने 16 वार्डों में जीत हासिल की है, जबकि भाजपा को 8 वार्डों पर जीत मिली है। पिछले चुनाव से तुलना करें, तो बीजेपी को 4 सीटें ज्यादा मिली हैं। कारण- यहां संघ के कई पदाधिकारी और बीजेपी के प्रदेश स्तर के नेता चुनावी बिसात बिछाने के लिए डेरा डाले थे। बता दें कि गुना जिला केंद्रीय ज्योतिरादित्य सिंधिया का भी गढ़ रहा है। कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने राघौगढ़ में ऐतिहासिक जीत का दावा भी किया था। इस लिहाज से भाजपा को मनचाहा परिणाम नहीं मिला।

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