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स्मृति शेष: श्री एमएन सिन्हा

पूर्व व्याख्याता शासकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक शाला पेंड्रा/सेवानिवृत्त जिला शिक्षा अधिकारी बिलासपुर

अक्षय नामदेव। विद्यालय में आज 22 दिसंबर 2022 को अर्धवार्षिक परीक्षा का आखिरी दिन था। निर्धारित समय में परीक्षा प्रारंभ हो चुकी थी। इसी के साथ हमें सूचना थी कि आज हमारे जिले की कलेक्टर आदरणीय रिचा प्रकाश चौधरी जी का हमारे विद्यालय में निरीक्षण होना है। हम और हमारा पूरा स्टाफ अलर्ट मोड में था। ना जाने कब कलेक्टर मैडम विद्यालय पहुंच जाएं। तभी सूचना मिली कि 11:00 जिले के प्रभारी मंत्री माननीय जयसिंह अग्रवाल जी कलेक्ट्रेट में समीक्षा बैठक लेने वाले हैं।  ऐसे में जरूरी लगा कि पता कर ले कि  कलेक्टर मैडम का यहां निरीक्षण होगा या नहीं? इस उधेड़बुन में मोबाइल ऑन किया तो देखता हूं कि पेंड्रा के पुराने कॉलोनी वाले व्हाट्सएप ग्रुप में  बड़े भैया प्रदीप शर्मा जी सलाहकार मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन की सूचना थी कि आदरणीय गुरुदेव श्री एम एन सिन्हा जी नहीं रहे। सिन्हा सर जी नहीं रहे इस सूचना से जैसे मेरा दिल ही बैठ गया। यह अत्यंत दुखदाई सूचना थी कि हम सबके आदरणीय  गुरुदेव एम एन सिन्हा जी अब इस दुनिया में नहीं रहे।

आज से 38-40 साल पूर्व पेंड्रा के शासकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में जिन लोगों ने भी पढ़ाई की है वे अच्छी तरह जानते हैं कि श्री सिन्हा सर कौन है? असाधारण, रौबदार , दबंग छवि के धनी श्री एम एन सिन्हा सर जी पेंड्रा में किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। अंग्रेजी के व्याख्याता के रूप में पदस्थ सिन्हा सर जितनी अपनी अंग्रेजी की पढ़ाई के लिए छात्रों में लोकप्रिय थे उससे भी कहीं अधिक उनका प्रभाव छात्रों में अनुशासन बनाने को लेकर रहता था। शासकीयबहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक शाला पेंड्रा मैं आयोजित होने वाला स्वतंत्रता दिवस हो गणतंत्र दिवस या एनसीसी दिवस,,छात्र संघ का चुनाव हो, खेल का मैदान हो, या असेंबली हॉल में आयोजित छात्रों का सांस्कृतिक कार्यक्रम सिन्हा सर की उपस्थिति के बगैर जैसे सब कुछ अधूरा ही रहता था। उनकी उपस्थिति से ही विद्यालय के कार्यक्रम में गरिमा आती थी। मुझे यह सौभाग्य नहीं मिला कि मैं उनके विद्यार्थी के रूप में उनकी क्लास अटेंड कर सकूं। करता भी कैसे? वे बड़ी कक्षाओं को पढ़ाते थे और हम छोटी कक्षा में पढ़ते थे। इसके बावजूद मेरा सौभाग्य रहा कि मुझे उन्हें अत्यंत निकट से देखने सुनने और जानने का अवसर मिला। वे मेरे बचपन के सहपाठी मित्र तारकेश्वर प्रकाश सिन्हा के पिताजी थे । उनके छोटे बेटे तारन प्रकाश सिन्हा मेरे छोटे भाई अन्ना के सहपाठी रहे। हमारी प्राथमिक शिक्षा विद्यानगर की पाठशाला में साथ में ही हुई। मिडिल स्कूल में भी हम साथ ही रहे इस कारण हमारा स्कूल आते-जाते उनके घर आना जाना लगा रहता था। शिक्षक कॉलोनी विद्यानगर का दाहिनी ओर के पहले क्वार्टर में वे परिवार सहित रहते थे। आज भी शिक्षक कॉलोनी के उनके उस क्वार्टर के सामने से गुजरने पर यही बोध होता है कि यह सिन्हा सर जी का घर है। अनुशासन पसंद श्री सिन्हा सर जी की कद काठी, आवाज और शिक्षकीय रौब कुछ ऐसा था कि वे विद्यालय में रहे या कॉलोनी में अपने आवास में उनकी उपस्थिति से अलग तरह की गंभीरता का एहसास होता था। उनके कॉलोनी में रहते हुए उन दिनों के होली जैसे हुड़दंग भरे माहौल में भी किसी की हिम्मत नहीं होती थी कि हुड़दंग करते हुए कॉलोनी से गुजर जाए। श्री सिन्हा सर की गिनती पढ़ाने वाले शिक्षकों में होती थी।पढ़ाने वाले शिक्षकों से प्रायः सभी डरते हैं तथा उनका अनुशासन मानते हैं ऐसा मेरा मानना है। इन्हीं सब कारणों से श्री सिन्हा सर की छवि एवं प्रभाव सभी छात्रों एवं पेंड्रा नगर में काफी अच्छी रही। पेंड्रा गौरेला मेंउनके पढ़ाये छात्रों की बड़ी तादाद है जो आज भी उन्हें याद करते हैं। श्री सिन्हा सर कलाधर्मी, खेल  प्रेमी रहे। उन दिनों शासकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक शाला पेंड्रा में छात्रों द्वारा गणेश उत्सव आयोजन की गौरवशाली परंपरा रही थी जिसमें पूरे विद्यालय के शिक्षक एवं छात्र गणेश उत्सव मनाते थे। गणेश उत्सव के दौरान पूरे 10 दिन अलग-अलग कार्यक्रम असेंबली हॉल में आयोजित होते थे। वाद विवाद प्रतियोगिता, अंताक्षरी एवं रात्रि कालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रमुख आकर्षण होते थे जिनमें नगर के लोग बढ़-चढ़कर यहां के कार्यक्रम को देखने आते थे। इन सब कार्यक्रमों में श्री सिन्हा सर छात्रों को खूब प्रोत्साहित करते थे तथा रोजाना कार्यक्रम में हिस्सा लेते थे। मुझे याद है फिल्म सोहनी महिवाल हम असेंबली हॉल में सिन्हा सर के साथ ही देखे थे। तब वीडियो स्क्रीन उपलब्ध करा पाना एक बड़ी बात हुआ करती थी।

पेंड्रा में श्री सिन्हा सर से पढ़े

छात्रों की एक पूरी पीढ़ी है जो उनसे प्रभावित रही है। मैं जब शासकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक शाला की कक्षा छठवीं में प्रवेश लिया था तब मुझे याद है उन दिनों श्री पीजी काटपताल सर हमारे प्राचार्य थे।श्री सिन्हा सर के साथ के प्रमुख शिक्षकों में मुख्य रुप से श्री आर पी नेमा सर, श्री जे जी तिवारी सर, श्री आरडी दीक्षित सर, श्री आर एनमिश्रा सर ,श्रीआर पी शुक्ला सर , श्री आरपी स्थापक सर प्रमुख रूप से पदस्थ रहे जो श्री सिन्हा सर को खूब मानते जानते थे। श्री सिन्हा सर पेंड्रा में लंबे समय तक पदस्थ रहने के बाद वर्ष 1985- 86 में स्थानांतरित होकर बिलासपुर के शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल दयालबंद में प्राचार्य के पद पर पदस्थ रहे तथा वर्ष 1998- 99 से लेकर वर्ष 2002 तक जिला शिक्षा अधिकारी बिलासपुर के रूप में सफलता पूर्वक काम किया और शिक्षा के क्षेत्र मेंबिलासपुर जिले में ख्याति अर्जित की।यह सिन्हा सर की उपलब्धि ही कही जाएगी कि उनके सभी पांचो बच्चे अत्यंत योग्य एवं होनहार निकले जिसमें अनुपमा सिन्हा दीदी ने अपनी पढ़ाई के दिनों में शासकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक शाला पेंड्रा की छात्रा के रूप में अविभाजित मध्य प्रदेश में कक्षा ग्यारहवीं बोर्ड माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश भोपाल की प्रवीण सूची में प्रथम स्थान प्राप्त किया था तथा वर्तमान में गुरु घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर में वरिष्ठ प्राध्यापक/विभागाध्यक्ष है जबकि लतिका सिन्हा दीदी ने अंग्रेजी के व्याख्याता के रूप में पेंड्रा के शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला से नौकरी की शुरुआत की एवं वर्तमान में अनूपपुर जिले में प्राचार्य के पद पर पदस्थ है वही मेरे सहपाठी एवं मित्र तारकेश्वर प्रकाश सिन्हा महिला एवं बाल विकास विभाग छत्तीसगढ़ शासन में अधिकारी हैं । श्री सिन्हा सर के सबसे छोटे सुपुत्र तारन प्रकाश सिन्हा जी वर्तमान में जांजगीर चांपा जिले के कलेक्टर के रूप में पदस्थ है तथा उनकी गिनती प्रदेश के योग्य एवं इमानदार अधिकारियों में होती है। एक शिक्षक के रूप में श्री एम एन सिन्हा जी के खाते में यह कम उपलब्धि नहीं है। उन्होंने अपने बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कार भी दिए ।

आज जब श्री सिन्हा सर के इस दुनिया को अलविदा कह देने का समाचार मिला तो उनसे जुड़ी अनेक बातें जो बचपन में हमारे सामने गुजरी है वह जुलूस की मानिंद आंखों से गुजरने लगी। उनके प्रति मन श्रद्धा से भरा हुआ है। वे आज भले इस दुनिया में नहीं है परंतु उनकी याद हमेशा हमारे बीच रहेगी। ईश्वर हमारे परम प्रिय गुरुदेव श्री सिन्हा सर की आत्मा को शांति प्रदान करें एवं उनके परिजनों को यह कठिन दुख सहने की शक्ति दे। श्री सिन्हा सर जी को सादर विनम्र श्रद्धांजलि

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