मध्य प्रदेश

ग्वालियर का मध्य भारत खादी संघ तिरंगा निर्माण में पूरे देश में कर रहा अपना नाम रौशन …

भोपाल/ग्वालियर। आजाद हिंदुस्तान की आन-बान-शान तिरंगा का निर्माण कर ग्वालियर पूरे देश में अपना नाम रौशन कर रहा है। ग्वालियर से देश के कोने-कोने में राष्ट्रीय ध्वज की सप्लाई होती है। हर साल करीब 1 से 2 करोड़ रुपये के तिरंगे यहां बनाए जाते है। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर ग्वालियर के तिरंगों के निर्माण में चार गुना तक बढ़ोत्तरी हुई है।

मध्य भारत खादी संघ के कारीगरों का कहना है कि देश की आन, बान और शान तिरंगा को तैयार कर वे खुद को गौरवान्वित महसूस करते है। तिरंगा निर्माण इकाई ग्वालियर के प्रभारी नीलू सिंह के अनुसार तिरंगों को तैयार करते समय तय मानकों का विशेष ध्यान रखा जाता है। इसमें कपड़े की क्वालिटी, चक्र का साइज, रंग आदि मानक शामिल होते हैं।

साथ ही खादी संघ की लैब में इन सभी चीजों का टेस्ट किया जाता है। लैब में 12 मानकों को ध्यान में रखकर राष्ट्रीय ध्वज तैयार किया जाता है। उन्होंने बताया कि ग्वालियर में खादी संघ द्वारा तीन कैटेगरी के तिरंगे तैयार किए जा रहे हैं। इसमें 2×3 फीट, 6×4 फीट, 3×4.5 फीट के झंडे शामिल हैं।

संघ की ग्वालियर इकाई के अध्यक्ष बासुदेव शर्मा के अनुसार ग्वालियर में पूरी शुद्ध खादी से ही तिरंगों का निर्माण होता है। 26 जनवरी, 15 अगस्त और संविधान दिवस के मौके पर ग्वालियर में तैयार हुआ तिरंगा अलग-अलग राज्यों में सप्लाई होता है। इस बार तिरंगों की भारी डिमांड है। दिन-रात काम चल रहा है, फिर भी संस्था ऑर्डर पूरा नहीं कर पा रही है। उन्होंने बताया कि देश में मात्र तीन जगह राष्ट्रीय ध्वज तैयार किया जाता है। ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड ने राष्ट्रीय ध्वज तैयार करने के 3 दस्तावेज जारी किए हैं।

इसके मुताबिक, सभी झंडे खादी, सिल्क कॉटन के होते और मानकों के अनुसार ही तैयार होंगे। ग्वालियर स्थित मध्य भारत खादी संघ राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण करने वाली भारत की तीसरी संस्था है। ग्वालियर के अलावा हुबली (कर्नाटक) और मुंबई में ही खादी संघ राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण करता है।

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