मध्य प्रदेश

एमपी के जनपद पंचायत सीईओ का छुट्टी के लिए सीईओ को लिखा लीव एप्लीकेशन, ओवैसी मेरे पिछले जन्म के सखा नकुल और मोहन भागवत मामा शकुनी थे …

भोपाल। मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले से रोचक खबर है। सुसनेर जनपद पंचायत के इंजीनियर ने रविवार की छुट्टी के लिए सीईओ को अजीबो-गरीब पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में आत्मा के अमर होने के आभास की बात कहते हुए लिखा है कि हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी उनके पिछले जन्म के सखा नकुल और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत मामा शकुनी थे। उन्होंने छुट्टी का ये आवेदन जब जनपद पंचायत के ऑफिशियल ग्रुप में डाला तो सीईओ ने भी उन्हें इसी भाषा में रोचक जवाब दिया। दोनों की ये चैट सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है।

आगर मालवा की सुसनेर जनपद पंचायत के इंजीनियर ने बड़े रोचक तरीके से छुट्टी मांगी। उन्होंने लीव एप्लिकेशन में लिखा कि असदुद्दीन ओवैसी उनके पिछले जन्म के सखा नकुल और RSS प्रमुख मोहन भागवत मामा शकुनी थे। उन्होंने छुट्टी का ये आवेदन जब जनपद पंचायत के ऑफिशियल ग्रुप में डाला तो सीईओ ने भी उन्हें इसी भाषा में रोचक जवाब दिया।

 

सुसनेर जनपद में पदस्थ उपयंत्री राजकुमार यादव ने लिखा-

प्रति,

श्रीमान् मुख्य कार्यपालन अधिकारी महोदय,

जनपद पंचायत सुसनेर,

सेवा में

सविनय नम्र निवेदन है कि प्रार्थी राजकुमार सिंह यादव आपकी जनपद पंचायत सुसनेर में उपयंत्री के पद पर पदस्थ हूं। मैं रविवार को जनपद के किसी कार्य में उपस्थित नहीं हो पाऊंगा। क्योंकि, मुझे कुछ दिन पहले ही आभास हुआ है कि आत्मा अमर होती है। मुझे अपने पिछले जन्म का भी आभास हुआ है। असदुद्दीन ओवैसी मेरे पिछले जन्म के सखा नकुल थे और मोहन भागवत शकुनी मामा। इसलिए मैं अपने जीवन को जानने के लिए गीता पाठ करना चाहता हूं। मैं प्रत्येक रविवार के दिन अपने अंदर के अहंकार को मिटाने के लिए एक गेहूं दाना घर-घर जाकर भीख मांगकर इकट्ठा करूंगा। ये मेरी आत्मा का सवाल है। मैं समझता हूं कि आप मुझे प्रत्येक रविवार की छुट्टी देने की कृपा करेंगे।

 

प्रार्थी,

राजकुमार सिंह यावद

उपयंत्री, जनपद पंचायत सुसनेर

 

 

सीईओ ने उसी भाषा में दिया यह जवाब – आवेदन पढ़ने के बाद जनपद पंचायत सुसनेर के सीईओ पराग पंथी ने जवाब दिया-

प्रिय उपयंत्री,

आप अपना अहंकार मिटाना चाहते हैं, यह बहुत प्रसन्नता का विषय है। इसमें हमारा अकिंचन सहयोग भी साधक हो सकता है, यह विचार ही मन में हर्ष उत्पन्न करता है। व्यक्ति प्रायः अहंकार से वशीभूत होकर यह सोचता है कि वह अपने रविवार को अपनी इच्छा से बिता सकता है। इस अहंकार का इसके बीजरूप में नष्ट करना आपकी उन्नति के लिए अपरिहार्य है। अतः आपकी आत्मिक उन्नति की अभिलाषा को दृष्टिगत रखते हुए आपको आदेशित किया जाता है कि आप प्रत्येक रविवार कार्यालय में उपस्थित रहकर कार्य करें, जिससे रविवार को अवकाश मनाने के आपके अहंकार का नाश हो सके।

 

 

 

 

 

 

 

आपकी आत्मिक उन्नति में साधक बनने की प्रसन्नता के साथ, आपका

पराग पंथी,

सीईओ सुसनेर.

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