झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर आलम को रांची PMLA कोर्ट ने 6 दिन की रिमांड पर भेजा
रांची.
झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग मंत्री आलमगीर आलम को ईडी की रिमांड दे दी है. पीएमएलए कोर्ट ने ईडी की अर्जी को स्वीकार करते हुए छह दिनों की रिमांड पर भेज दिया है. बता दें कि ग्रामीण विकास विभाग में कमीशन के खेल के मामले में मनी लांड्रिंग के आरोप में आलमगीर आलम की गिरफ्तारी हुई है. बता दें कि मामले में मंत्री के पीएस संजीव लाल और जहांगीर आलम की भी गिरफ्तारी हो चुकी है.
रिमांड पर भेजे जाने से पहले ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री के मामले में पीएमएलए कोर्ट में बहस हुई. ईडी की तरफ से रखी दलील रखी गई कि टेंडर कमीशन का पूरा खेल मंत्री के हो दिशा निर्देश कर चल रहा था. मंत्री का निजी सचिव संजीव लाल पैसे की उगाही कर सहायक जहांगीर के पास रखा करता था. मामले में बचाव पक्ष की तरफ से भी दलील दी गई और दोनों पक्षों की बहस के बाद कोर्ट ने छह दिनों की रिमांड पर आलमगीर आलम को भेज दिया.
यहां यह भी बता दें कि ईडी ने 10 दिनों की रिमांड मांगी थी, लेकिन पीएमएलए कोर्ट ने छह दिनों की रिमांड को स्वीकृति दी. बता दें कि बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनीलॉन्ड्रिंग के मामले में राज्य के मंत्री और कांग्रेस नेता आलमगीर आलम को बुधवार को सलाखों के पीछे भेज दिया था. वे एक दिन पहले मंगलवार को जांच एजेंसी के सामने पूछताछ के लिए पेश हुए थे.
ईडी ने पिछले सप्ताह राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलम के निजी सचिव और राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी संजीव कुमार लाल (52) और घरेलू सहायक जहांगीर आलम (42) को उनसे जुड़े एक फ्लैट से 32 करोड़ रुपये से अधिक नकदी जब्त करने के बाद गिरफ्तार किया था. मंत्री को धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपना बयान दर्ज कराने के लिए मंगलवार को रांची में ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय में पेश होने के लिए कहा गया था. धनशोधन की जांच राज्य के ग्रामीण विकास विभाग में कथित अनियमितताओं से संबंधित है.
गौरतलब है कि कथित भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन के एक मामले में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पहले से ही ईडी की गिरफ्त में हैं. सोरेन सहित, भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी छवि रंजन, राजस्व विभाग के पूर्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद और अन्य को ईडी ने अपनी जांच के तहत गिरफ्तार किया है.