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माल्टा के मालवाहक जहाज को समुद्री डाकुओं से भारतीय नौसेना ने बचाया

नई दिल्ली.

भारतीय नौसेना ने एक बार समुद्री क्षेत्र में अपनी ताकत दिखाई है। 12 घंटे तक चले अभियान में नौसेना ने एक मालवाहक जहाज को समुद्री लुटेरों के कब्जे से आजाद कर दिया। इतना ही नहीं इसमें बंधक बनाए गए 23 पाकिस्तानी मछुआरों को भी लुटेरों की कैद से आजाद कर दिया। इससे पहले भी भारतीय नौसेना ने एक बड़े ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुंचाया था।

14 दिसंबर, 2023 को माल्टा का झंडा लगे एमवी रुइन नाम के मालवाहक जहाज को समुद्री डाकुओं ने घेर लिया था। जैसे ही भारतीय नौसेना को यह संदेश मिला तो मालवाहक जहाज को ट्रैक करना शुरू किया। यह संकेत मिला कि अरब सागर में छह समुद्री डाकुओं ने जहाज पर कब्जा कर लिया है। इसके बाद नौसेना ने इसे ट्रैक करना शुरू कर दिया। नौसेना ने मालवाहक जहाज का पता लगाने के लिए अदन की खाड़ी में एक युद्धपोत तैनात किया था। इस दौरान यह भी पता चला कि जहाज में मौजूद चालक दल का एक सदस्य घायल हो गया है। नौसेना द्वारा बिना वक्त गंवाए बचाव अभियान चलाया गया। चार दिनों तक चले इस ऑपरेशन में घायल नाविक को जहाज से बाहर निकाला गया और इलाज के लिए ओमान ले जाया गया। हालांकि, समुद्री लुटेरों द्वारा जहाज पर कब्जा कर उसे सोमालिया की तरफ ले जाया गया। अब भारतीय नौसेना के सामने इस जहाज को वापस लाने एक बड़ी चुनौती थी। भारतीय नौसेना ने जहाज की निगरानी करने के लिए हवाई प्लेटफार्म और अन्य जहाजों का भी इस्तेमाल किया। तीन महीने बाद 14 मार्च 2024 को हवाई गश्त के दौरान एमवी रुईन जहाज को सोमाली तट पर देखा गया। इसके बाद 15 मार्च को भारतीय नौसेना ने एमवी रुईन को रोकने के लिए अपने युद्धपोत आईएनएस कोलकाता को मोर्चे पर लगाया। अगली सुबह आईएनएस कोलकाता ने समुद्री लुटेरों द्वारा कब्जे में लिए गए जहाज को घेर लिया। चालीस घंटे बाद नौसेना ने 35 समुद्री डाकुओं को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर किया। जहाज में बंधक बनाए गए चालक दल के 17 सदस्यों को बचा लिया गया।

समंदर में नौसेना के ऑपरेशन
जून 2019 में ओमान की खाड़ी में व्यापारी जहाजों पर हमलों के बाद भारतीय नौसेना ने ऑपरेशन संकल्प शुरु किया था। इसके तहत अरब सागर में 18 बचाव अभियान चलाए गए।  यह ठीक उसी तरह है, जिस तरह से लाल सागर में इजराइल लगातार हूती विद्रोहियों को जवाब दे रहा है। इसके अलावा भारतीय नौसेना ने दिसंबर 2023 और मार्च 2024 के बीच हिंद महासागर क्षेत्र में कम से कम 18 ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुंचाया है। इस दौरान भारतीय नौसेना द्वारा कई देशों की मदद की गई। दरअसल इस प्रमुख व्यापार मार्ग में समुद्री डाकुओं द्वारा ड्रोन और मिसाइल से हमला किया जा रहा है।

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