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INDI गठबंधन : गठबंधन में रहते हुए ममता बनर्जी और नीतीश कुमार के बात-विचार में दूरी

पटना.

शनिवार 13 जनवरी को देशभर के भाजपा-विरोधी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A. की वर्चुअल बैठक हो रही है। वर्चुअल बैठक में शामिल होने से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इनकार किया। क्यों? जबाव दिया है कि इतनी व्यस्तता के बीच शॉर्ट नोटिस में नहीं आ सकतीं। लेकिन, वजह कुछ और है। वजह समझने के लिए दिल्ली में सामने दिखी गांठ पर नजर डालना होगा।

ममता बनर्जी ने दिल्ली की बैठक में कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को विपक्षी गठबंधन का प्रधानमंत्री प्रत्याशी बता दिया था। यह अंतिम कील थी नीतीश कुमार और ममता बनर्जी के रिश्तों पर। इसकी शुरुआत 23 जून को पटना में हुई पहली बैठक से हो गई थी और अब यह चरम पर है। माना जा रहा है कि वर्चुअल बैठक में नीतीश कुमार के लिए कोई जिम्मेदारी की घोषणा जरूर होगी, इसलिए ममता ने पहले ही दूरी बना ली है। बैठक में रहकर विरोध की जगह यह रास्ता अपनाया है।

लालू से प्रभावित हैं ममता, नीतीश पर अविश्वास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बने इंडी एलायंस के कई दलों को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर विश्वास नहीं है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस मामले में सबसे आगे हैं। वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बुलाई पहली बैठक के लिए 12 जून को आने के लिए खुलकर तैयार नहीं थीं। जब कांग्रेस के नंबर वन नेता राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नहीं आने पर यह बैठक रद्द की गई और राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने आगे आकर नेताओं से संपर्क शुरू किया तो 23 जून को हो रही बैठक के लिए ममता बनर्जी आईं। वह पटना आकर राजद अध्यक्ष लालू यादव से मिलने गईं, लेकिन सीएम नीतीश से नहीं। नीतीश ने अपनी मेजबानी निभाते हुए उनसे खुद जाकर मुलाकात की। बैठक के दौरान नीतीश के संयोजकत्व की ममता ने भी तारीफ की, लेकिन यह माना गया कि संयोजक की जिम्मेदारी के लिए उनके नाम के प्रस्ताव पर तृणमूल प्रमुख राजी नहीं थीं। यह क्रम अगली दो बैठकों में भी जारी रहा। चौथी बैठक दिल्ली में हुई तो अप्रत्याशित रूप से ममता ने कांग्रेस अध्यक्ष का नाम पीएम प्रत्याशी के रूप में आगे कर दिया।

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