मध्य प्रदेश

उमा भारती के शराबबंदी अभियान के बीच पशुपालन एवं गौ संवर्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष अखिलेश्वरानंद गिरी का सुझाव, शराब पर लगाया जाए गौ सेवा सेस

मध्य प्रदेश की राजनीति में शराब को लेकरर दो संतों की अलग-अलग राय

जबलपुर. जहां प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती मध्यप्रदेश में शराबबंदी की मांग कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर मध्यप्रदेश के पशुपालन एवं गौ संवर्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद ने शराब बेचकर गौ सेवा करने का प्रस्ताव रखा है. स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी ने शराब पर गौ सेवा सेस लगाने की मांग करते हुए कहा कि इस नीति से शराबबंदी नहीं होने तक गायों के लिए पर्याप्त बजट का इंतजाम आसानी से हो जाएगा.

महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने जबलपुर में मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गौ संवर्धन बोर्ड की बैठक हुई. इसमें गौ सेवा के लिए बजट का विषय आया था. तब मेरी ओर से सुझाव दिया गया कि गौ सेवा के लिए शराब पर सेस लगाकर पैसों का इंतजाम किया जा सकता है. उत्तर प्रदेश और राजस्थान सरकार ने भी शराब पर ऐसा सेस लगाया है. हालांकि, इस प्रस्ताव को पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की शराबबंदी मुहिम के चलते अधिकारियों के विवेक पर छोड़ दिया गया. कहा गया कि इससे उमा भारती रुष्ट हो जाएंगी.

शराब पर बीजेपी के दो नेताओं की अलग-अलग राय

राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने अपने सुझाव में कहा कि शराब की प्रति बोतल पर 5 से 10 पैसे सेस लगाकर इससे 300 करोड़ का एक्स्ट्रा रेवेन्यू जनरेट किया जा सकता है. इस तरह मध्य प्रदेश की राजनीति में शराब पर दो संतों की अलग-अलग राय सामने आई है. इससे माना जा रहा है कि शराबबंदी पर दो संतों दीदी उमा भारती और स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी के बीच यह मत भिन्नता आगे चलकर मध्य प्रदेश की राजनीति में बवाल करेगी. एक संत उमा भारती शराबबंदी की मांग को लेकर पहले से ही शिवराज सरकार से नाराज चल रही हैं, वहीं अब दूसरे संत महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने मध्यप्रदेश में शराब बेचकर गौ सेवा करने का प्रस्ताव दिया है।

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