मध्य प्रदेश

बायोमेट्रिक मशीन पर अंगूठा लगाते ही पलक झपकते खुल जाएगा अपराधी का पूरा कच्चा चिट्‌ठा

इंदौर पुलिस के इस नवाचार की सीएम शिवराज ने की सराहना

भोपाल/इंदौर। देश में सबसे स्वच्छ मध्य प्रदेश का इंदौर नवाचारों के लिए पहचाना जाता है। इंदौर ने स्वच्छता के साथ ही कई क्षेत्रों में नए आयाम गढ़े हैं। अब यहां की पुलिस ने भी कई मामलों में अपनी अलग पहचान बनाई है। इसी के चलते अब इंदौर पुलिस ने तकनीक के जरिये ऐसी बायोमेट्रिक मशीन तैयार की है, जिस पर अंगूठा रखते ही अपराधी का पूरा रिकार्ड सामने आ जाएगा। अपराधियों का रिकार्ड आमतौर पर थानों के रोजनामचे से लेकर पुलिस के दस्तावेजों में दर्ज रहता है, लेकिन अपराधी पुलिस की आंखों में धूल झोंककर (अपनी पहचान छुपाकर) अपराधों को अंजाम देता रहता है। अब इंदौर क्षेत्र के और यहां आने वाले अपराधियों को अपने नाम पर दर्ज अपराधों को छुपाना आसान नहीं होगा। क्योंकि, बायोमेट्रिक मशीन पर अंगूठा रखते ही उसके अपराधों का पूरा चिट्‌ठा सामने आ जाएगा।

इंदौर पुलिस ने नौ महीने तक इसका ट्रायल किया और इसकी सफलता से उत्साहित होकर इसे पूरी तरह से अमल में लाने का निर्णय किया। इस व्यवस्था के लिए इंदौर क्राइम ब्रांच को 40 मशीनें दी जा रही हैं। दावा किया गया है कि संभवत: देश में पहली दफा इस तरह की मशीन का इस्तेमाल इंदौर में हो रहा है। इस मशीन के माध्यम से अपराधियों को आसानी से पहचाना जाएगा और पकड़ा जाना आसान रहेगा। चेकिंग पॉइंट पर खड़े पुलिसकर्मी किसी भी संदिग्ध व्यक्ति का बायोमेट्रिक मशीन पर अंगूठा लगवाकर संदिग्ध व्यक्ति की पहचान कर सकेंगे।

अब अपराधियों के लिए पुलिस को चकमा देना होगा मुश्किल

दरअसल, देर-सबेर पुलिस जब किसी को संदिग्ध मानकर रोकती है और पूछताछ करती है तो सामने वाला नाम, पता आदि गलत बताकर रवाना हो जाता है। पुलिस के पास भी ये जानकारी क्रॉस चेक करने का कोई संसाधन मौजूद नहीं रहता है। लेकिन, अब पुराने अपराधियों, बदमाशों के लिए पुलिस को चकमा देना मुश्किल हो जाएगा। इंदौर पुलिस ने एक थंब इंप्रेशन मशीन के साथ पुराने बदमाशों के फिंगर प्रिंट के डेटा को साफ्टवेयर से लिंक किया है, जब भी पुलिस किसी को संदिग्ध मानेगी तो वो थंब इंप्रेशन मशीन पर संबंधित के थंब इंप्रेशन लेगी और साफ्वेयर तत्काल पता लगाएगा कि संबंधित के खिलाफ किसी थाने में कोई केस है या नहीं। साफ्टवेयर से तत्काल सभी केस की जानकारी निकल जाएगी।

5 हजार से ज्यादा अपराधियों के रिकॉर्ड और फिंगर प्रिंट अपलोड

प्रारंभिक तौर पर अभी 5 हजार से ज्यादा अपराधियों के रिकोर्ड और फिंगर प्रिंट सॉफ्टवेयर में अपलोड किए गए हैं। हालांकि, क्राइम ब्रांच इंदौर के पास ही डेढ लाख अपराधियों का रिकॉर्ड मौजूद हैं, जिसे स्कैन करके साफ्टवेयर में अपलोड किया जा रहा है। इसी तरह पूरे देश में अपराधियों के रिकॉर्ड रखने का काम चल रहा है। सभी जगह फिंगर प्रिंट लिए जा रहे हैं। जब ये डाटा पुलिस एक-दूसरे से शेयर कर नेशनल सर्वर से लिंक कर देगी तो पूरे देश में इस तरह अपराधियों को पहचानना आसान हो जाएगा।

सीएम शिवराज सिंह ने इस नवाचार के लिए की इंदौर पुलिस की सराहना

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति को बेहतर बनाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस दिशा में कड़े कदम उठाने के साथ नित नए नवाचार भी किए जा रहे हैं। इसी क्रम में इंदौर पुलिस ने सिटीजन काप से मिलकर ऐसी तकनीक विकसित की है, जिससे बायोमेट्रिक मशीन पर अंगूठा लगाते ही अपराधी का सम्पूर्ण रिकार्ड बिना विलंब प्राप्त हो जाएगा। इंदौर पुलिस ने 9 माह तक इसका ट्रायल किया है। इस व्यवस्था के लिये इंदौर पुलिस को 40 मशीन उपलब्ध कराई जा रही है। इस नवाचार से संदिग्ध व्यक्ति और अपराधियों की पहचान सरल होगी और उन पर त्वरित कार्यवाही की जा सकेगी।

लाड़ली बहना के आवेदन में पैसा मांगने वालों की शिकायत 181 पर करें : सीएम

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा में कहा कि पूरे प्रदेश में लाड़ली बहना योजना को लेकर बहनों में भारी उत्साह है। इसका आवेदन करने के लिए बहनें बड़ी संख्या में पहुंच रही हैं। सभी गांव और वार्डों से आवेदन प्राप्त होना शुरू हो गए हैं। अब तक 6 लाख 96 हजार 522 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। उन्होंने आम नागरिकों खासकर बहनो से अपील की है कि वे किसी बिचौलिये के चक्कर में न पड़ें। योजना में ई-केवाईसी कराने के लिए पैसा मांगने वालों की जानकारी तत्काल 181 नम्बर पर फोन करके दें, संबंधित व्यक्ति के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

 

 

Back to top button