नई दिल्ली

नवरात्रि में भक्त ने अपने शरीर पर उगाए जवारे, अन्न-जल भी त्यागा ….

नई दिल्ली। हिंदू धर्म में मान्यता है कि देवी-देवाताओं की भक्ति के पीछे अपार शक्ति छिपी होती है, जिसका नतीजा है कि भक्त भगवान की भक्ति में कठिन से कठिन तपस्या को भी बड़ी आसानी से पूरा कर लेते है। कुछ ऐसी ही कठिन तपस्या रीवा में देखने को मिली है, जहां नवरात्रि के अवसर पर देवी मां को खुश करने के लिये एक भक्त ने अपने ही शरीर पर जवारे उगा दिए हैं। इस कठिन तपस्या के पीछे भक्त की इच्छा है कि माता की अपार कृपा अपने भक्तों पर बनी रहे और देश में सुख-समृद्धि व अमन-चैन कायम रहे।

नवरात्र पर आस्था का ऐसा मामला सामने आया है, जिसे देख हर कोई दंग रह गया। एक देवी भक्त मातारानी को खुश करने के लिए मंदिर में अपने शरीर पर जवारे उगाकर साधना में लगे हैं। जिसे देखने के लिए काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। भक्त द्वारा अन्न जल भी त्याग दिया गया है और नवरात्रि तक बिना कुछ खाए-पिये माता का नाम जपते हुए भक्ति में लीन हैं।

नवरात्रि के दिनों में माता की भक्ति का यह अनोखा दृश्य रीवा शहर में ही प्रसिद्ध चिरहुला मंदिर के समीप ललपा में स्थित काली माता के मंदिर में देखने को मिला है। शहर के वार्ड क्रमांक 26 ललपा निवासी 40 वर्षीय विनोद कुमार साहू देवी मां के भक्त हैं। माता को खुश करने के लिये उन्होंने नवरात्रि के पहले दिन मंदिर के अंदर बैठकर अपने शरीर पर जवारा बोया, जिसके उगने के बाद पंचमी के दिन देर शाम मंदिर का पट खोला गया। जिसके बाद से उन्हे देखने के लिए लोगों तांता लगा हुआ है।

इस दौरान माता के भक्त ने अपनी शारीरिक आवश्यकताओं को त्यागकर शरीर पर जवारे बोए हैं और अन्न जल का त्याग किया है और गला सूखने पर सिर्फ दो से तीन चम्मच माता के चरणों में चढ़ाए हुए जल का ही सेवन करते हैं। पंचमी को मंदिर का पट खुलने के बाद शरीर पर जवारे उगाने वाले भक्त को देखने के लिये अब लोगों की भीड़ उमड़ रही है और मंदिर परिसर में भजन, कीर्तन व आरती का दौर जारी है। नवरात्रि के नौ दिनों तक चलने वाली इस कठिन तपस्या को पूरी करने के बाद नौंवी के दिन मैहर मंदिर में देवी मां को भक्त द्वारा अपने शरीर पर बोए हुये जवारे को चढ़ाया जाएगा। फिलहाल भक्त की इस भक्ती की चर्चा इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है और दर्शन करने वालों की भीड़ भी उमड़ रही है।

 

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