लखनऊ/उत्तरप्रदेश

लखीमपुर खीरी में मृतक परिवारों को मिलेंगे 45-45 लाख रुपये, सरकार नौकरी, घटना की होगी न्यायिक जांच…

लखनऊ। लखीमपुर खीरी घटना को लेकर यूपी सरकार और किसानों के बीच समझौता हुआ।  सरकार सभी मृतकों को 45-45 लाख रूपए और घायलों को 10-10 लाख रूपए देने की बात कही है। वहीं इस मामले की न्यायिक जांच की जाएगी। इसके अलावा परिवार के 1 सदस्य को सरकारी नौकरी भी मिलेगी।

 

मालूम हो कि इस घटना से शाहजहांपुर जिले में जगह-जगह जाम कर ट्रैफिक को डायवर्ट किया गया है। भाकियू के अलग-अलग संगठनों के लोगों ने शाहजहांपुर शहर में प्रदर्शन किया। पुलिस हिरासत में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी  उपवास पर बैठ गईं हैं। उन्होंने कहा कि जब तक किसानों के परिवारों व अन्य किसानों से नहीं मिलूंगी, अन्न ग्रहण नही करूंगी। इसी बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुलाई बैठक है। बैठक में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना और आला अधिकारी भी मौजूद है। लखीमपुर की घटना समेत विभिन्न बिंदुओं पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है।

 

 

यह है पूरी घटना

घटनाक्रम के अनुसार रविवार को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य जिले में थे। दोपहर में उनको केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के गांव बनवीरपुर जाना था। उप मुख्यमंत्री के आने के विरोध में सुबह से ही किसान उतर आए थे। तिकुनियां के महाराजा अग्रसेन इंटर कालेज में बनाए गए हेलीपैड पर किसानों ने ट्रैक्टर-ट्रालियां खड़ी कर दीं। सैकड़ों की संख्या में काले झंडे लेकर किसान वहां मौजूद थे और उप मुख्यमंत्री के विरोध का ऐलान कर रहे थे।

 

इसी बीच अचानक बनवीरपुर की ओर से बेहद तेज गति से आती दो कारें किसानों के बीच घुस गईं। उनको रौंदती हुई चली गई। इसमें एक कार में केंद्रीय राज्यमंत्री के बेटे आशीष मिश्र मोनू के सवार होने का दावा किसान यूनियन ने किया है हालांकि हालांकि केंद्रीय मंत्री की ओर से इससे इंकार किया गया है। हादसे में 12 से ज्यादा किसान जख्मी हो गए। इसके बाद आक्रोशित भीड़ ने हादसा करने वाली गाड़ियों में तोड़-फोड़कर आग लगा दी। कार में जो भाजपाई मिला, उसको पीटा। इसके बाद भगदड़ मच गई।

 

किसानों का आक्रोश देखकर पुलिस भी मैदान छोड़कर भाग खड़ी हुई। घटना में कई पत्रकार भी  गंभीर जख्मी हो गए। बवाल के बाद पुलिस ने तिकुनिया से पहले ही बैरीकेडिंग लगाकर रोक दिया। अफवाहों का बाजार गर्म हो गया। दर्जनों किसानों और भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत की चर्चा होने लगी। देर रात केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र ने अपने ड्राइवर सहित चार भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत का दावा किया। कुछ देर पर जिलाधिकारी अरविन्द चौरसिया ने कार दुर्घटना में चार लोगों के मरने की बात कही। लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि मरने वाले चारों लोग किसान हैं या कोई और। न ही उन्होंने कुल मृतकों की संख्या के बारे में साफतौर पर कुछ कहा।

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