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डॉक्टर कॉलोनी के सैकड़ों परिवार डर और परेशानी भरे हालातों से जूझ रहे, बारिश थम गई, पर बस्तियां 14 दिन बाद भी बनी हुई हैं तालाब…

भोपाल। मध्यप्रदेश में बारिश का दौर थम गया है, नदियों का पानी धीरे-धीरे उतर रहा है, लेकिन श्योपुर जिला मुख्यालय की बस्तियों, गलियों और घरों में भरा पानी जस का तस है। जहां देखो वहां जलभराव है। ऐसा ही हाल यहां की डॉक्टर कॉलोनी का है। घर-गृहस्थी तो सब पानी में बर्बाद हो ही चुकी है। एक पखवाड़ा बीत जाने के बाद भी घरों में पानी भरा हुआ है। उसमें कीड़े-मकोड़े पनप रहे हैं। दूसरों का इलाज करने वाले डॉक्टर भी अब यहां बीमारी फैलने से डरे हुए हैं।

श्योपुर जिले में आई बाढ़ की वजह से यहां की डॉक्टर कॉलोनी अब तक जलमग्न है। पानी निकासी नहीं होने की वजह से बाढ़ के 14 दिन बाद भी बस्ती तालाब बनी हुई है। स्थिति यह है कि, कॉलोनी के घरों में पानी घुसा हुआ है। जबकि, रास्तों पर कहीं घुटने-घुटने तो कहीं कमर-कमर तक पानी है। लोगों को अब अपने मकान ढह जाने, जहरीले सर्प-बिच्छु के डंसने और बीमारियां फैलने का डर सता रहा है। खास बात तो यह है कि रहवासी 3-4 बार कलेक्टर और अन्य अधिकारियों को ज्ञापन सौंप चुके हैं, लेकिन वह हालात सुधारने और जल निकासी कराने की बजाए अभी भी सिर्फ योजना बनाने की बात कह रहे हैं।

श्योपुर के जिला अस्पताल के सामने बनी डॉक्टर कॉलोनी में आधा सैकड़ा परिवार रहते हैं। ये पिछले एक पखवाड़े से डर-डरकर और भारी परेशानी भरे हालातों से जूझकर अपना बुरा वक्त गुजार रहे हैं। वजह यही है कि, कॉलोनी में हुए भारी जलभराव के बाद अभी तक प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी पानी निकासी की व्यवस्था नहीं कर पाए हैं। कॉलोनी के लोग शाम ढलते ही अपने घरों पर ताले लगाकर रिश्तेदारों या होटल में रहने चले जाते हैं। कॉलोनी में भरे पानी में अब कीड़े पड़ने लगे हैं। पानी में सड़ांध आने लगी है। इससे बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ रहा है। कुछ लोग तो बुखार और स्किन से जुड़ी बीमारियों से परेशान होने लगे हैं।

मध्य प्रदेश में एक महीने से ज्यादा समय से चल रहा बारिश का दौर फिलहाल थम गया है और ज्यादातर जिलों में बारिश से लोगों को राहत मिली थी। लेकिन, बारिश थमने के बाद अब लोग उमस और गर्मी से बेहाल हैं। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश के ग्वालियर-चंबल अंचल बाढ़ से प्रभावित हुए। लेकिन, फिर भी प्रदेश में बारिश का कोटा अभी पूरा नहीं हुआ है। हालांकि, प्रदेश में 1 जून से 13 अगस्त तक सामान्य से 6 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। लेकिन, प्रदेश में 26 जिले ऐसे हैं, जहां अभी भी सामान्य से कम बारिश हुई है।

मौसम विभाग का कहना है कि फिलहाल प्रदेश में बारिश के लिए कोई सिस्टम सक्रिय नहीं है। प्रदेश के कुछ हिस्सों में गरज-चमक के साथ हल्की बौछारें पड़ सकती हैं। मानसून ट्रफ प्रदेश से आगे बढ़ चुकी है। मौसम विभाग के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी में एक नया सिस्टम 17 अगस्त के आसपास बन सकता है। इस सिस्टम के निर्मित होने के 2 से 3 दिनों बाद प्रदेश में मानसूनी गतिविधियां फिर शुरू हो सकती हैं।

मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश के ज्यादातर जिलों में मौसम फिलहाल साफ रहेगा। राजधानी भोपाल में धूप निकलने के साथ तापमान में इजाफा होगा। आने वाले 1 से 2 दिनों में तापमान में वृद्धि देखने को मिलेगी। प्रदेश के रीवा, सागर, शहडोल, जबलपुर, भोपाल, होशंगाबाद, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर-चंबल संभागों के जिलों में हल्की बौछारें पड़ने की संभावना है।

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