लखनऊ/उत्तरप्रदेश

समलैगिक विवाह मानवता के लिए कलंक, इससे हिन्दू वंश परंपरा का हो जाएगा लोप- स्वामी निश्चलानंद…

प्रयागराज. समलैंगिक विवाह को लेकर संत समाज का विरोध जारी है. शंकराचार्य ने कहा कि समलैंगिकता स्वैच्छचारिता की जनक है. इसे किसी भी सूरत में बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए. नरेंद्र मोदी सरकार के नौ साल के कार्यकाल के सवाल पर शंकराचार्य ने कहा कि सीमा सुरक्षा की दृष्टि से शासनकाल को उत्तम कह सकते हैं. व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री घर भरने वालों में से नहीं है.

इस बीच गोवर्धनमठ पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने भी कहा है कि समलैंगिक विवाह मानवता के लिए कलंक है. पूरे विश्व में समलैंगिक विवाह अनिवार्य हो जाए तो वंश परंपरा का लोप हो जाएगा.

उन्होंने कहा कि समलैंगिकता समाज के लिए बेहद घातक है. शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने ये बातें शुक्रवार को नई झूंसी स्थित शिवगंगा आश्रम में पत्रकारों से बातचीत में कहीं. शंकराचार्य शुक्रवार की सुबह नई झूंसी स्थित शिवगंगा आश्रम पहुंचे. यहां पर वह 27 जून तक प्रवास करेंगे. इस दौरान रोजाना सुबह और शाम धर्म-आध्यात्म पर संगोष्ठी का आयोजन होगा.

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