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हाईकोर्ट ने हटाई रोक, दो हजार शिक्षकों को मिली राहत…

बिलासपुर। चयनित प्रतियोगियों की हस्तक्षेप याचिका पर सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने शिक्षकों की नियुक्ति आदेश जारी करने पर लगाई गई रोक हटा दी है। आदेश से प्रदेश भर में दो हजार तीन शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव के माध्यम से संदीप मंडल, प्रेमलता साहू, धर्मेन्द्र कुमार ने हाईकोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की थी।

 

इसमें बताया गया कि व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वारा शिक्षक व सहायक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए नौ मार्च 2019 को विज्ञापन जारी किया था। राज्य शासन के परिपत्र के अनुसार बस्तर, सरगुजा, कोरबा संभाग के लिए जिला स्तर के तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के पदों के लिए सिर्फ संबंधित जिले के उम्मीदवारों को पात्र  माना गया था। लेकिन, परीक्षा में इस निर्देश का लाभ नहीं दिया जा रहा था। इसे लेकर स्थानीय निवासियों द्वारा याचिका दायर की गई। उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए 24 फरवरी 2020 को हाई कोर्ट ने अधिसूचित जिलों में सहायक शिक्षक व शिक्षकों की नियुक्ति आदेश जारी करने पर रोक लगा दी थी।

 

 

हस्तक्षेप याचिकाकर्ताओं का कहना है कि मेरिट में उनका नाम है। शिक्षक संभाग स्तर का पद है। ऐसे में राज्य शासन का परिपत्र सिर्फ तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के जिला स्तर के पदों के लिए है। जबकि, संभाग स्तर के पद होने के कारण शासन के परिपत्र का इस नियुक्ति से कोई संबंध नहीं है। हस्तक्षेपकर्ताओं के अधिवक्ता ने अपने तर्कों के आधार पर हाईकोर्ट द्वारा नियुक्ति में लगाई गई रोक हटाने का आग्रह किया गया। इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस प्रशांत मिश्रा की युगलपीठ ने शिक्षकों के पद को संभागीय स्तर का पद होने के कारण पूर्व में लगाई गई रोक को हटा दिया है।

 

 

 

अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव ने स्पष्ट किया है कि हाई कोर्ट का यह आदेश सिर्फ शिक्षकों के लिए लागू है। जबकि, सहायक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए लगी रोक यथावत रहेगी। उन्होंने बताया कि संभाग स्तरीय पद को लेकर उन्होंने याचिका दायर की थी। लिहाजा, यह आदेश सहायक शिक्षकों की नियुक्ति पर लागू नहीं होगा।

 

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