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केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी! निजी अस्पतालों में अब इलाज करा सकेंगे, CGHS और ECHS की सर्विस का दायरा बढ़ाया

नई दिल्ली

 केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। सरकार नें CGHS और ECHS की सर्विस का दायरा बढ़ा दिया है। अब केंद्रीय कर्मचारी 40 प्राइवेट अस्पताल, नर्सिंग होम और डायग्नोस्टिक सेंटर में अपना इलाज करा सकते हैं। सरकार नें अपनी लिस्ट में 40 अस्पतालों को शामिल कर लिया है। इन सभी अस्पतालों की रेट लिस्ट भी CGHS और ECHS के तहते आने वाले कर्मचारियों के लिए ने के बराबर होगी। साथ ही जो इलाज में खर्च होगा वह बाद में सरकार देगी। हाल ही में एक्स-सर्विसमेन कॉन्ट्रिब्यूटरी हेल्थ स्कीम (ECHS) ने 40 प्राइवेट अस्पतालों, नर्सिंग होम और डायग्नोस्टिक सेंटरों को अपने पैनल में शामिल किया है। यह फैसला हाल में स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में लिया गया।

CGHS और ECHS के लिए शामिल किये 40 नए प्राइवेट अस्पताल

ECHS के मैनेजिंग डायरेक्टर को इस पैनल में शामिल किए गए नए अस्पतालों की लिस्ट के बारे में औपचारिक आदेश मिला है। यह प्रोसेस रक्षा मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के तहत की गया है, जिसके अनुसार ECHS लाभार्थियों को अस्पताल और इलाज की सर्विस दी जाएगी। अब ECHS की गिनती में 40 प्राइवेट अस्पताल, नर्सिंग होम और डायग्नोस्टिक सेंटर शामिल किये गए हैं।

सभी कर्मचारी करा पाएंगे कम रेट में इलाज

सभी पैनल में शामिल अस्पतालों और डायग्नोस्टिक सेंटरों को रक्षा मंत्रालय की तय की शर्तों का पालन करना होगा, जिसमें सर्विस की दरें भी शामिल हैं। इलाज का रेट लिस्ट समिति की पास की दरों दरों के अनुसार होगा। साथ ही CGHS (सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम) दरों के साथ समायोजित की जाएंगी। यानी, CGHS कर्मचारियों का जिस रेट पर प्राइवेट अस्पतलाओं में इलाज होता है, उसी रेट पर ECHS के तहत आने वाले कर्मचारी भी इलाज करा पाएंगे। ये 40 अस्पतालों की लिस्ट CGHS में भी शामिल की गई है।

अस्पतालों की लिस्ट

इसके अतिरिक्त जो अस्पताल पहले से ही CGHS के साथ पैनल में शामिल हैं, उन्हें ECHS के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करते समय अपनी CGHS स्थिति का सर्टिफिकेश देना होगा। CGHS पैनल वाले अस्पतालों की स्थिति तब तक वैलिड रहेगी जब तक उनकी CGHS मान्यता एक्टिव है, और उनके समझौते का रिन्यू भी हो सकता है। NABH यानीनेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स से मान्यता प्राप्त सुर्विस को भी ECHS के साथ पैनल में शामिल किया जाएगा, जो उनके NABH सर्टिफिकेशन की पीरियड तक वैलिड रहेगी। यह कदम ECHS सदस्यों को अधिक सुविधाएं और बेहतर स्वास्थ्य सर्विस देने की दिशा में उठया अहम कदम है।

CGHS और ECHS में क्या है अंतर

CGHS और ECHS दोनों ही भारत सरकार की स्वास्थ्य योजनाएं हैं, लेकिन ये अलग-अलग समूहों को सर्विस देती है। CGHS केंद्र सरकार के कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए है, जबकि ECHS सेना के रिटायर कर्मियों और उनके आश्रितों के लिए है। ECHS के पास CGHS की तुलना में अधिक पैनल वाले अस्पताल हैं, जिसमें दूरदराज के एरिया के अस्पताल भी शामिल हैं।

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