छत्तीसगढ़

शराबी था पिता: मरने के बाद बेटों ने शव लेने से किया इनकार

कोरबा.

कोरबा में कोतवाली पुलिस ने एक व्यक्ति की मौत के बाद परिजनों के द्वारा दूरी बनाने की स्थिति में पोस्टमार्टम करने से लेकर अंतिम संस्कार तक की प्रक्रिया पूरी कराई। पुलिस ने बताया कि अपनी ड्यूटी के साथ-साथ मानवता के नाते इस तरह के कार्य करने भी जरूरी हो जाते हैं। कई बार ऐसे मौके उसके सामने आते हैं। जिसका कोई नहीं होता, उसके लिए पुलिस होती है।

कोरबा कोतवाली पुलिस ने शनिवार को एक राजेंद्र पांडेय नाम के व्यक्ति का अंतिम संस्कार कराया। राजेंद्र पांडेय का शव इतवारी बाजार क्षेत्र में पाया गया था। इसकी सूचना एक व्यक्ति ने पुलिस को दी थी। कुछ ही देर में मृतक की पहचान होने पर उसके परिजनों की तलाश की गई और उन्हें इस बारे में अवगत कराया गया। लेकिन उन्होंने मामले को हल्के से लेने के साथ बात को टाल दिया। कोतवाली थाना प्रभारी अभिनव कांत सिंह ने मामले को संवेदनशीलता से लेने के साथ अगली कार्रवाई के लिए अधीनस्थों को निर्देशित किया। इसके बाद पंचनामा और पोस्टमार्टम की अगली कड़ी में पुलिस ने जरूरी व्यवस्था करते हुए मृतक का अंतिम संस्कार कराया। कोतवाली थाने में पदस्थ एएसआई अजय सिंह ने बताया कि पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच की और परिजनों को सूचना दी। मृतक के दोनों बेटों ने शव को लेने से इंकार कर दिया। परिजनों ने बताया कि उसके पिता आदतन शराबी थे। घर से बाहर निकल चुके था और बीमारी से ग्रस्त थे। जब घर से निकल गए हैं तो अब वो उसका अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। ऐसे में पुलिस ने पंचनामा कार्रवाई करते हुए शव का आसपास के लोगों की मदद से उसका हिंदू रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार किया।

हादसे और अन्य कारण से होने वाली मौत के मामले में जब अज्ञात मृतकों की पहचान चाहकर भी नहीं हो पाती, तब पूरी प्रक्रिया अपनाते हुए ऐसे मामलों में पुलिस स्वयं या सामाजिक संगठनों के सहयोग से अंतिम संस्कार की कार्रवाई करती है। राजेंद्र पांडेय की मौत का मामला इससे अलग है, जिसमें परिजनों के होते हुए पुलिस को यह सब कुछ करना पड़ा।

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