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राजस्थान में कांग्रेस की सरकार गिराने में भाजपा के कई केंद्रीय मंत्रियों के चेहरे हुए बेनकाब ; डॉ. मीणा

नई दिल्ली। राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस की सरकार को गिराने के लिए भारतीय जनता पार्टी के कई षड्यंत्र का पर्दाफाश हो गया है। इसके ऊपर दिल्ली प्रदेश युवा कांग्रेस के प्रभारी डॉ. अनिल कुमार मीणा ने कहा है कि भाजपा को देश के भावनाओं एवं समस्याओं से जुड़े हुए मुद्दों पर कोई ध्यान नहीं। पिछले कुछ दिनों से कोरोनावायरस के चलते देश में रोजगार के अभाव में कई लोगों ने आत्महत्या की है। बढ़ती हुई बेरोजगारी के कारण बढ़ते हुए व्यापक अपराध पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है।

देश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो चुकी है। सत्ता के सिंहासन को हथियाने के लिए एंड केन प्रकारेण हर संभव षड्यंत्र एवं हथकंडे अपना रही है। हरियाणा प्रदेश में खट्टर सरकार की गोद में बैठ कर भाजपा ने कुछ नेताओं को चक्रव्यूह में फंसाने की कोशिश की, विधायकों के खरीद-फरोख्त के दौरान भाजपा के कई केंद्रीय मंत्रियों का ऑडियो वायरल होने के बाद उनके काले कारनामे देश की जनता के सामने आ गए हैं। कांग्रेस नेता अजय माकन जी ने प्रेस वार्ता के दौरान बीजेपी के सामने अनेक सवाल रखें -जब गजेन्द्र सिंह का नाम FIR में आ गया, जब उनकी आवाज़ लोगों ने पहचान ली, तो क्या उन्हें यह अधिकार है कि वह अभी भी केंद्र सरकार में मंत्री पद पर बने रहें।

केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के वायस सैंपल लेने से दिल्ली पुलिस क्यों रोक रही है। दाल में कुछ काला है इसलिए दिल्ली पुलिस ऐसा करने से रोक रही है। अगर भाजपा की कोई भूमिका नहीं, तो केंद्र सरकार से लेकर हरियाणा सरकार, इनकम टैक्स, ईडी, हरियाणा पुलिस, दिल्ली पुलिस कांग्रेस विधायकों को विशेष सुरक्षा चक्र देने तथा राजस्थान पुलिस की जाँच से अलग रखने को इतनी मशक्कत क्यों कर रहे हैं? डॉ अनिल मीणा ने कांग्रेस पार्टी की तरफ से मांग की है कि गजेन्द्र सिंह शेखावत को या तो इस्तीफ़ा देना चाहिए या उनको तुरंत प्रभाव से हटा देना चाहिए, ताकि वो जाँच में किसी तरह का कोई हस्तक्षेप न कर सकें और साथ ही उनको आगे आकर अपना वॉइस सैंपल देना चाहिए। भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान में सरकार गिराने के लिए कुछ नहीं किया तो निष्पक्ष जांच से क्यों डरती है ?

देश के लोगों ने कोरोना वायरस के कारण चल रही महामारी की रोकथाम के लिए एवं लोगों की सहायता के लिए खुलकर दान किया था। पीएम केयर्स फंड के नाम से प्रधानमंत्री ने सूचना अधिकार अधिनियम से दूर रखा और उस पैसे का इस्तेमाल देश में कांग्रेस शासित प्रदेशों की सरकार गिराने के लिए एवं विधायकों की खरीद-फरोख्त के लिए इस्तेमाल कर रही है। इस दुख की घड़ी में केंद्र सरकार को देश के लोगों की सहायता के लिए आगे आना चाहिए था वह दूसरे राज्य में सरकार गिराने के लिए लगातार आगे बढ़ गई है। देश की जनता कभी माफ नहीं करेगी वक्त आने पर जरूर जवाब देगी।

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