मध्य प्रदेश

जरा-सी असावधानी या छेड़खानी से बड़े खतरे में पड़ सकते हैं विद्युत उपभोक्ता, सुरक्षा के लिये सावधानियां जरूरी

भोपाल। विद्युत लाइन, उपकरण एवं खंभों से छेड़खानी करना विद्युत अधिनियम 2003 के अंतर्गत दण्डनीय अपराध है। जरा-सी असावधानी या छेड़खानी से बड़े-बड़े खतरे पैदा हो सकते हैं। इसलिये सावधानियाँ बरतनी जरूरी है। इस संबंध में बिजली विभाग ने उपभोक्ताओं को सावधानी बरतने की सलाह दी है।

इस सलाह के मुताबिक ऐसी लाइनें जिनमें विद्युत शक्ति प्रवाहित होती है उन्हें अकस्मात् छूकर खतरा मोल न लें। आँधी तूफान या अन्य किसी कारण से यदि लाइन टूटती है तो उसकी सूचना शीघ्र ही निकटस्थ बिजली कंपनी के अधिकारी अथवा विद्युत कर्मचारी को दें। संभव हो तो किसी आदमी को उस जगह, अन्य यात्रियों को चेतावनी देने के लिये रखें। नये घर बनाते समय विद्युत पारेषण अथवा वितरण लाइन से समुचित दूरी रखें। यह कानून की दृष्टि से भी आवश्यक है। उचित फासले के विषय में स्थानीय बिजली कंपनी के अधिकारी से सलाह लें। खेत-खलिहानों में ऊँची-ऊँची घास की गंजी, कटी फसल की ढेरियॉं, झोपड़ी, मकान अथवा तंबू आदि विद्युत लाइनों के नीचे अथवा अत्यंत समीप न बनायें। विद्युत लाइनों के नीचे से अनाज, भूसे आदि की ऊँची भरी हुई गाड़ियॉं न निकालें। इससे आग लगने एवं जन-हानि का खतरा है।

बहुत से स्थानों पर बच्चे पतंग अथवा लंगर का खेल खेलते तरह-तरह के धागे और डोर विद्युत लाइनों में फंसा देते हैं। ऐसा करने से उन्हें रोकें। लाइनों में फँसी पतंग निकालने के लिए बच्चों को कभी भी खंभे पर चढ़ने न दें। लाइन पर तार या झाड़ियाँ न फेकें। यदि कोई ऐसा करता है तो इसकी सूचना पास के पुलिस थाने या विद्युत कंपनी के वितरण केन्द्र में दें। विद्युत लाइनों के पास लगे वृक्ष या उनकी शाखा न काटें। यदि कटी डाल लाइन पर गिरे तो आपके लिए घातक सिद्ध हो सकती है। बिजली के तारों पर कपड़े आदि डालना दुर्घटना को निमंत्रण देना है। अपने खेत खलिहान पर या संपत्ति की सुरक्षा हेतु अवरोधक तारों (फेन्सिंग वायर्स) में विद्युत प्रवाहित न करें। यह कानूनी अपराध भी है। इस प्रकार विद्युत का उपयोग करने वालों पर कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।

बिजली के खंभों पर कदापि न चढ़ें एवं स्टे-वायर आदि विद्युत उपकरणों से छेड़खानी न करें। बिजली के खंभों या स्टे-वायर से जानवर आदि न बांधे और न ही इससे जानवरों को रगड़ने दें। इससे जनधन की हानि हो सकती है। घरेलू उपकरणों एवं विद्युत फिटिंग का अर्थिंग करना अति आवश्यक है। सही अर्थिंग न होने से विद्युत दुर्घटना हो सकती है। प्रकाश/थ्रेशर चलाने के लिये लम्बे एवं जोड़ वाले तारों का उपयोग न करें। थ्रेशर के तारों को बिजली कंपनी की लाइनों से अनधिकृत रूप से न जोड़ें। ऐसा करने से दुर्घटना हो सकती है। साथ ही संबंधित के विरूद्ध विद्युत चोरी का इल्जाम लगाया जा सकता है और कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।

चालू लाइन के तारों के संपर्क में आने पर ये सावधानियां बरतें…

चालू लाइन के सम्पर्क में आने पर स्विच से विद्युत प्रवाह तुरंत बंद कर दें। यदि स्विच बंद न कर सकें तो दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को सूखी रस्सी, सूखा कपड़ा या सूखी लकड़ी की सहायता से सजीव तारों से अलग करें। ऐसा न करने से सहायता करने वाले को भी झटका (शॉक) लग सकता है। दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को सजीव तारों से शीघ्र ही अलग करें क्योंकि एक सेकेण्ड की भी देरी घातक हो सकती है। दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को सूखी जमीन या सूखे फर्श पर लिटायें एवं कृत्रिम साँस देकर उसका प्रथमोपचार करें। डॉक्टर को तत्काल बुला कर उपचार दें अथवा उसे शीघ्र अस्पताल पहॅुंचायें।

बिजली मीटर से छेड़छाड़ करने से बचें

यदि किसी उपभोक्ता को मीटर, उसकी रीडिंग, बिलिंग या बिजली व्यवधान जैसी कोई शिकायत हो तो वे तुरंत कॉलसेंटर के फोन नंबर 1912 पर या ऑनलाइन वेबसाइट portal.mpcz.in अथवा उपाय (UPAY) एप या बिजली वितरण केन्द/जोन कार्यालय में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। उपभोक्ताओं की शिकायतों के निराकरण की माकूल व्यवस्था की गई है। यदि उपभोक्ता मीटर में तोड़फोड़ या उखाड़कर अन्यत्र स्थापित करने या सर्विस लाइन को नुकसान पहुँचाने का कार्य करते हैं तो उनके विरूद्ध विद्युत अधिनियम-2003 की धारा-136 के तहत कार्रवाही होगी। इसमें 3 वर्ष का कारावास अथवा 10 हजार  का जुर्माना अथवा दोनों सजाओं से दण्डित करने का प्रावधान है।

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