नई दिल्ली

मुख्य सचिव संग मारपीट मामले में अमानतुल्लाह और जरवाल पर आरोप तय कर कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल-सिसोदिया समेत अन्य 9 विधायकों को किया बरी …

नई दिल्ली । दिल्ली के मुख्य सचिव रहे अंशु प्रकाश के साथ कथित मारपीट मामले में अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सचिन गुप्ता ने मामले में आम आदमी पार्टी के दो विधायकों अमानतुल्लाह और प्रकाश जरवाल के खिलाफ आरोप तय कर सीएम अरविंद केजरीवाल व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को राहत दे दी है।

2018 में तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से मारपीट मामले में दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को अरविंद केजरीवाल व मनीष सिसोदिया और पार्टी के नौ अन्य विधायकों को बरी कर दिया। यह फैसला आने के बाद अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर प्रतिक्रिया दी और उन्होंने लिखा कि सत्यमेव जयते।

हालांकि, अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सचिन गुप्ता ने मामले में आम आदमी पार्टी के दो विधायकों अमानतुल्लाह और प्रकाश जरवाल को बरी न करते हुए उनके खिलाफ आरोप तय किए हैं। अदालत ने आप विधायक अमानतुल्ला खान और प्रकाश जरवाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 186, 353 और अन्य संबंधित धाराओं के तहत आरोप तय करते हुए मुकदमा चलाने का आदेश दिया है। यह मामला वर्ष 2018 में दर्ज किया गया था।

अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया समेत जिन अन्य विधायकों का इस पूरे मामले में नाम था उनमें संजीव झा, नीतिन त्यागी, ऋतुराज गोविंद, अजय दत्त, राजेश गुप्ता, राजेश ऋषि, मदन लाल, प्रवीण कुमार और दिनेश मोहनिया और अमानतुल्ला खान, प्रकाश जरवाल शामिल हैं। इस केस में अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और आप के नौ अन्य विधायकों को अक्टूबर 2018 में जमानत दे दी गई थी।

राउज एवेन्यू स्थित अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट सचित गुप्ता की अदालत ने कहा कि प्रथमदृष्टया विधायक अमानुल्लाह खान व प्रकाश जारवाल के खिलाफ तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मारपीट व बदसलूकी संबंधित साक्ष्य सामने आए हैं। इसलिए अदालत इनके खिलाफ आरोप तय करते हुए अभियोजन पक्ष को गवाहों के बयान दर्ज करने की प्रक्रिया शुरु करने के निर्देश देती है।

बता दें कि यह आपराधिक मामला 19 फरवरी, 2018 को अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर एक बैठक के दौरान अंशु प्रकाश पर कथित हमले से संबंधित है। इस मामले में मुख्यमंत्री और उनके डिप्टी के अलावा आप के 11 विधायकों को भी आरोपी बनाया गया था। केजरीवाल समेत इन विधायकों पर आरोप था कि उन्होंने अंशु प्रकाश के साथ बैठक के दौरान मारपीट की थी। इस कथित हमले के बाद दिल्ली सरकार व नौकरशाहों के बीच तनातनी के हालात बन गए थे। कई मौकों पर सरकार के नुमाइंदों व नौकरशाहों के बीच नोंक-झोंक भी हुई।

अंशु प्रकाश के मुताबिक, 19 फरवरी 2018 को अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर बैठक के दौरान उनके साथ मारपीट की गई। उनकी शिकायत पर आपराधिक मामला दर्ज किया गया। अरविंद केजरीवाल, सिसोदिया और नौ अन्य ‘आप’ विधायकों को 25 अक्टूबर 2018 को निचली अदालत ने जमानत दे दी थी। वहीं, मामले में गिरफ्तार दो आरोपी विधायक अमानतुल्लाह खान और प्रकाश जरवाल को हाईकोर्ट से जमानत मिली।

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