मध्य प्रदेश

सरकार की नाक के नीचे बीज खरीदी में भ्रष्टाचार : 4 साल से जारी है कारस्तानी, अफसर दोगुना दामों पर खरीद रहे टमाटर के बीज

भ्रष्टाचार : एक बार फिर सिस्टम पर भारी बिचौलियों और कंपनियों का सिंडिकेट, 48 हजार प्रति किलो की दर पर की टमाटर के बीज की खरीदी

भोपाल। बीज खरीदी में भ्रष्टाचार रोकने और ऊंचे दामों पर बैन लगाकर बिचौलिया कंपनियों के सिंडिकेट को खत्म करने के लिए चार साल पहले कमलनाथ सरकार ने एक आदेश जारी किया था, लेकिन जैसे ही कांग्रेस की सरकार गिराकर भाजपा सत्ता में आई तो उसने बिचौलिया कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए कमलनाथ के आदेश को पलट दिया। किसानों के लिए हाइब्रिड टमाटर का बीज सरकार 48 हजार रुपए प्रति किलो में खरीद रही है, जो राष्ट्रीय तय बाजार से दोगुना ज्यादा की कीमत का है।

खरीदी में भ्रष्टाचार का यह गोरखधंधा बीते चार सालों से लगातार जारी है। मालूम हो, किसान कल्याण तथा कृषि विकास संचालनालय ने कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में 3 जून 2019 को बिचौलियों की प्रथा खत्म करने के लिए आदेश जारी किया था। आदेश में साफ लिखा था, बिचौलियों को हटाने की दृष्टि से राष्ट्रीय बीज निगम अथवा अन्य शासकीय संस्थाओं द्वारा उत्पादित बीज ही खरीदा जाए। लेकिन उद्यानिकी विभाग ने 1 जून 2023 को निर्देश जारी कर बीज खरीदी सिर्फ एमपी एग्रो के माध्यम से करने की बात कही। ऐसे में बीज खरीदी के लिए, जो नियम तय किए गए थे, उससे दोगुनी कीमत पर सब्जियों के बीज की खरीदी हो रही है। उद्यानिकी से जुड़े कुछ अधिकारियों का मानना है कि अगर बीज खरीदी के लिए एमपी एग्रो के अतिरिक्त अन्य शासकीय संस्थाओं का विकल्प होता तो किसानों और विभागीय अधिकारियों के पास बीज की कई वैरायटी और अन्य दरों को चुनने का विकल्प भी होता।

केंद्र ने दिए थे खरीदी के कई विकल्प

केंद्रीय कृषि विभाग ने मध्यप्रदेश के उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण (हॉर्टिकल्चर) विभाग को 7 जून 2022 को एक पत्र लिखा था, जिसमें नेशनल हॉर्टिकल्चर मिशन (एनएचएम) के अंतर्गत 79 करोड़ 82 लाख रुपए स्वीकृत किए गए थे, जिसका उपयोग हॉर्टिकल्चर की विभिन्न स्कीमों में खर्च किया जाना था। इस पत्र में बीज उपलब्ध कराने वाले सरकारी संस्थान, नर्सरी और कृषि विश्वविद्यालयों का भी जिक्र किया गया था। लेकिन, मध्यप्रदेश सरकार ने बीज खरीदी के लिए सिर्फ एमपी एग्रो का चयन किया।

 

 

 

 

 

 

 

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