फिल्म जगत

कांग्रेस ने शुरू की 2023 की तैयारी, पीसीसी चीफ कमलनाथ ने बदले जिला प्रभारी; सिंधिया के करीबी बालेन्दु को मुरैना की जिम्मेदारी …

भोपाल। मध्य प्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव पूरे होते ही कांग्रेस अगले साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। PCC चीफ कमलनाथ ने सभी जिलों के संगठन प्रभारी बदल दिए हैं। जिलों के नए इंचार्ज को पीसीसी की तरफ से ये निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने प्रभार के जिलों में स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग करके संगठन में नए एक्टिव वर्कर्स को जोडें। पीसीसी चीफ ने माधवराव सिंधिया के करीबी रहे बालेन्दु शुक्ल को केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के गृह जिले मुरैना का प्रभारी बनाया है।

मप्र में हुए नगरीय निकायों के चुनावों में कांग्रेस को पिछले चुनाव की तुलना में बढ़त मिली है। ग्वालियर, जबलपुर, मुरैना, छिंदवाड़ा नगर निगम में महापौर बनाने में कामयाब होने के बाद कांग्रेस कई जिलों में नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्ष बनाने में सफल हुई है। शहरी क्षेत्रों में बढ़त मिलने से उत्साहित कांग्रेस ने अब अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है।

जिलों में नियुक्त किए गए कांग्रेस के संगठन प्रभारी अपनी रिपोर्ट सीधे पीसीसी चीफ को देंगे। इसके साथ ही जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों में मंडलम, सेक्टर के गठन के संबंध में अपडेट जानकारी लेकर गठन के कार्य को शीघ्र पूर्ण कराना और जहां पर मंडलम सेक्टर का पूर्ण गठन हो गया हो उसका सत्यापन करना प्रभारी की जिम्मेदारी होगी। पीसीसी चीफ ने अधिकांश नेताओं को उनके पड़ोसी जिलों की जिम्मेदारी दी गई है ताकि प्रभार के जिलों में आसानी से जाकर संगठन खड़ा कर सकें।

कमलनाथ जिला प्रभारियों को हर विधानसभा क्षेत्र में बाल कांग्रेस का गठन कर एक कैप्टन और एक वाइस कैप्टन के नाम प्रदेश कांग्रेस को भेजने के लिए कहा है। पीसीसी चीफ ने नेताओं को निर्देश दिए हैं कि अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों से कांग्रेस के परिवारजनों के बच्चों को भी बाल कांग्रेस का सदस्य बनाएं।

एमपी के 52 जिलों में से 13 ऐसे हैं, जहां से कांग्रेस का एक भी विधायक नहीं है। इन जिलों में 42 विधानसभा की सीटें हैं अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इसे देखते हुए पार्टी ने इन जिलों में वरिष्ठ नेताओं को मोर्चा संभालने की जिम्मेदारी दी है। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी, कांतिलाल भूरिया, अरुण यादव, नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, अजय सिंह, राजमणि पटेल सहित अन्य नेता शामिल हैं।

नवंबर 2020 में हुए उपचुनाव के बाद प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति में परिवर्तन आया है। खंडवा में मांधाता, बुरहानपुर में नेपानगर, मंदसौर में सुवासरा और निवाड़ी जिले में पृथ्वीपुर सीट पर चुनाव हारने के बाद इन जिलों में कांग्रेस का कोई विधायक नहीं है। प्रदेश के टीकमगढ़, रीवा, सिंगरौली, शहडोल, उमरिया, हरदा, नर्मदापुरम, सीहोर और नीमच जिलों में कांग्रेस पहले से ही विधायक विहीन है।

श्योपुर- दिनेश गुर्जर, मुरैना- बालेंदु शुक्ला, भिंड- वासुदेव शर्मा, ग्वालियर-महेंद्र सिंह चौहान, दतिया- कमलेश्वर पटेल, शिवपुरी- रश्मि पंवार शर्मा, गुना- रघु परमार, अशोक नगर- रामसेवक गुर्जर, सागर- अवनीश भार्गव, टीकमगढ़- चंद्रिका प्रसाद द्विवेदी, निवाड़ी- दामोदर यादव, छतरपुर- नारायण प्रजापति, दमोह- धर्मेश घई, पन्ना- मनोज त्रिवेदी, सतना- प्रिय दर्शन गौर, रीवा- प्रताप भानु शर्मा, सीधी- बृजभूषण शुक्ला, सिंगरौली- आनंद अहिरवार, शहडोल- राजेंद्र मिश्रा, अनूपपुर- बृहबिहारी पटेल, उमरिया- बृहबिहारी पटेल, कटनी- रमेश चौधरी, जबलपुर- सुनील जैन, डिंडौरी- कदीन सोनी, मंडला- दिनेश यादव, बालाघाट- तरुण भनोट, सिवनी- गंभीर सिंह, नरसिंहपुर- संजय सिंह परिहार, छिंदवाड़ा- नरेश सराफ, बैतूल- सविता दीवान शर्मा, हरदा- अजय ओझा, नर्मदापुरम- संजय शर्मा, रायसेन- कैलाश परमार, विदिशा- दीपचंद यादव, भोपाल-मुकेश नायक, सीहोर- सैय्यद साजिद अली, राजगढ़- राजकुमार पटेल, आगर- नूरी खान, शाजापुर- जय प्रकाश शास्त्री, देवास- योगेश यादव, खंडवा- कैलाश कुंडल, खरगोन- ठाकुर जय सिंह, बडवानी- अर्चना जायसवाल, अलीराजपुर- हेमंत पाल, झाबुआ- हामिद काजी, धार- निर्मल मेहता, इंदौर- महेन्द्र जोशी, उज्जैन- शोभा ओझा, रतलाम- अमिताभ मंड़लोई, मंदसौर- मुजीब कुरैशी, नीमच- मुजीब कुरैशी।

Back to top button