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कांग्रेस कई पूर्व मुख्यमंत्रियों को भी लोकसभा के चुनावी मैदान में उतार सकती, लिस्ट तैयार

नई दिल्ली

आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों की पहली लिस्ट आज आ सकती है। उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप देने के लिए कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक हुई। दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में हुई बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित कई नेता शामिल हुए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी जयपुर में पार्टी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्हें इस बैठक में ऑनलाइन शामिल होना था लेकिन वे इसमें शामिल नहीं हो पाए।

बताया जा रहा है कि पार्टी ने जिन 10 राज्यों पर चर्चा के लिए बैठक की उनमें से छह राज्यों के लिए उम्मीदवारों के नाम को अंतिम रूप दिया चुका है। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने संवाददाताओं से कहा, "हमने केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, दिल्ली और लक्षद्वीप के लिए सीटों को अंतिम रूप दिया है… प्रक्रिया चल रही है, औपचारिक घोषणा बहुत जल्द की जाएगी।" केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, दिल्ली और छत्तीसगढ़ सहित 10 राज्यों के 60 उम्मीदवारों के नामों को मंजूरी देने के लिए सीईसी की बैठक हुई थी।

छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम का चुनाव लड़ना तय

इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि कांग्रेस ने बैठक में छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल को राजनांदगांव सीट से और पूर्व मंत्री ताम्रध्वज साहू को महासमुंद से मैदान में उतारने का फैसला किया है। वहीं पार्टी नेता ज्योत्सना महंत छत्तीसगढ़ के कोरबा और शिव डेहरिया जांजगीर-चांपा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। CEC की बैठक में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की लोकसभा उम्मीदवारी पर मोहर लगने से ज्यादातर वरिष्ठ नेताओं पर लोकसभा चुनाव लड़ने दबाव बढ़ गया है।

इन लोगों को भी चुनाव में उतार सकती है कांग्रेस

कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी अपने अन्य पूर्व मुख्यमंत्रियों को भी लोकसभा के चुनावी मैदान में उतार सकती है। इनमें अशोक गहलोत, कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और भूपेन्द्र सिंह हुड्डा जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। इन नामों के अलावा, पार्टी सचिन पायलट, हरीश चौधरी, गोविंद सिंह डोटासरा, भंवर जितेंद्र सिंह, दीपेन्द्र हुड्डा, कुमारी शैलजा, रणदीप सुरजेवाला, किरण चौधरी और जीतू पटवारी जैसे बड़े नेताओं को भी चुनाव लड़ने के लिए कह सकती है। इनमें से अधिकांश नेता राज्य की राजनीति में काफी सक्रिय हैं तो वहीं कुछ राज्यसभा सांसद हैं।

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पिछले दिनों लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर बयान दिया था। उन्होंने साफ कहा था कि वे लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने जा रहे हैं। छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ने के सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा। उनके बेटे नकुलनाथ चुनाव लड़ेंगे। छिंदवाड़ा से 1980 से लोकसभा सांसद कमलनाथ पिछले दिनों भाजपा के साथ जाने की अटकलों को लेकर चर्चा में हैं। हालांकि उन्होंने इस तरह की खबरों का खंडन किया है।

इस बीच पार्टी दिल्ली की चांदनी चौक, उत्तर-पश्चिम और उत्तर-पूर्व सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय नहीं कर सकी। सूत्रों ने बताया कि चांदनी चौक में जेपी अग्रवाल, पूर्व सांसद संदीप दीक्षित और महिला कांग्रेस प्रमुख अलका लांबा के नाम पैनल के सामने रखे गए। पूर्वोत्तर दिल्ली में डीपीसीसी अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली और उनके पूर्ववर्ती अनिल चौधरी के नाम शामिल हैं। बता दें कि इंडिया गठबंधन के तहत AAP के साथ हुए सीट बंटवारे में कांग्रेस को दिल्ली की तीन सीटें मिली हैं।

राहुल गांधी की अमेठी पर सस्पेंस, केरल के लिए नाम तय

केरल के कांग्रेस नेताओं ने कहा कि राज्य के उम्मीदवारों की सूची में कुछ चौंकाने वाले नाम होंगे। हालांकि उन्होंने कहा कि तिरुवनंतपुरम से शशि थरूर समेत ज्यादातर मौजूदा सांसदों को फिर से मैदान में उतारा जाएगा। केरल में पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी ने वायनाड सीट के लिए राहुल गांधी का नाम सुझाया है। पूरी संभावना है कि वायनाड से मौजूदा सांसद राहुल गांधी फिर से इसी सीट से चुनाव लड़ेंगे। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि राहुल गांधी वायनाड से चुनाव लड़ने के अलावा अपने पुराने क्षेत्र अमेठी में लौटेंगे या नहीं। सीईसी ने यूपी के उम्मीदवारों पर चर्चा नहीं की और यह देखना होगा कि क्या राहुल एक बार फिर अमेठी से अपनी किस्मत आजमाएंगे या नहीं।

पैनल ने कर्नाटक के लिए 10 नामों को मंजूरी दे दी है। हालांकि कर्नाटक में, कांग्रेस राज्य के मंत्रियों को मैदान में नहीं उतारेगी। ऐसी खबरें हैं कि सिद्धारमैया सरकार के अधिकांश मंत्री राष्ट्रीय चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं। दो मंत्री अपनी आपत्तियां सार्वजनिक कर चुके हैं। सूत्रों ने कहा कि केवल एक ही मंत्री चुनाव लड़ने का फैसला कर सकता है। राज्य के उम्मीदवारों में राज्य पार्टी प्रमुख डीके शिवकुमार के भाई, पार्टी सांसद डीके सुरेश शामिल हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की सीट कलबुर्गी पर कोई फैसला नहीं हुआ है। 

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