मध्य प्रदेश

सीएम शिवराज का एक्शन मोड जारी: अब सीधी में डीईओ समेत 3 अफसरों को मंच से ही किया निलंबित

बोले- डीईओ के ऑडियो वायरल हो रहे, मनरेगा अधिकारी पैसा खा रहे, हटाकर दूसरी जगह भेजा, वहां भी नहीं सुधरे, मैं सस्पेंड करता हूं

भोपाल/सीधी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शनिवार को सीधी जिले में भी एक्शन मोड में दिखे। उन्होंने मंच से ही जिला शिक्षा अधिकारी, नैकिन के प्रभारी तहसीलदार और कटनी मनरेगा अधिकारी को सस्पेंड कर दिया। वे यहां मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के अंतर्गत स्वीकृति-पत्र वितरण कार्यक्रम में भाग लेने आए थे। यहां सीएम ने जिले में गो अभयारण्य बनाने की बात भी कही। सीधी में सभा को संबोधित करते समय मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि मुझे मनरेगा परियोजना अधिकारी प्रदीप शुक्ला की कई शिकायतें मिली हैं। सीधी में पदस्थ रहने के दौरान उन्होंने कई गड़बड़ियां की हैं। वे अभी कटनी में पदस्थ हैं, वहां भी गड़बड़ी कर रहे हैं। इसलिए यहां के पूर्व मनरेगा अधिकारी को मैं तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर रहा हूं। कटनी में ही सस्पेंड। यह नहीं चलेगा। इसके बाद शिवराज सिंह ने मंच से कहा कि जिला शिक्षा अधिकारी का ऑडियो वायरल हो रहा हैं, मैं उनको भी तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करता हूं। मेरे पास एक और शिकायत आई है, मैं इसका परीक्षण करूंगा। मेरे पास रामपुर नैकिन की प्रभारी तहसीलदार आंचल अग्रहरी की बहुत शिकायतें हैं। उन्हें एक जगह से हटाकर दूसरी जगह भेजा। उनकी वहां से भी बहुत शिकायतें आ रही हैं। मैं उनको भी सस्पेंड करता हूं।
सीएम द्वारा इन अफसरों पर की गई कार्रवाई
प्रदीप शुक्ला, पूर्व मनरेगा अधिकारी : वर्तमान में कटनी जिले में मनरेगा अधिकारी के रूप में पदस्थ हैं। कुछ समय पहले ही उनका सीधी से तबादला हुआ था। सीधी में पदस्थापना के समय प्रदीप शुक्ला पर वित्तीय अनियमितता के आरोप लगे थे। कई सरपंच व सचिवों ने आरोप लगाए थे कि वे सरकारी काम की राशि जारी करने के बदले रुपयों की मांग करते हैं। इसको लेकर लोगों ने जनपद सीईओ, जिला पंचायत सीईओ और कलेक्टर से भी शिकायत की थी। इस पर जिला पंचायत सीईओ राहुल नामदेव धोटे ने उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन भेजा था। इस पर आज सीएम शिवराज ने उन्हें सस्पेंड कर दिया।
आंचल अग्रहरी, प्रभारी तहसीलदार रामपुर नैकिन : सीएम ने मंच से रामपुर नैकिन की प्रभारी तहसीलदार आंचल अग्रहरी को भी सस्पेंड किया। पूर्व मंत्री व सिहावल विधायक कमलेश्वर पटेल ने आंचल अग्रहरी की कार्यप्रणाली के खिलाफ दो महीने पहले ग्रामीणों के साथ धरना दिया था। आंचल सीधी जिले की बहरी तहसील में पदस्थ थीं। उन पर रामपुर नैकिन का प्रभार भी है। उन्होंने नामांतरण प्रकरणों में लापरवाही सहित अन्य समस्याओं को लेकर आंचल अग्रहरि को बहरी से हटाने की मांग की थी। इसके बाद उनको रामपुर नैकिन के प्रभारी तहसीलदार के रूप में पदस्थ किया था।
पवन सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी : सीएम ने जिला शिक्षा अधिकारी पवन सिंह को भी निलंबित किया है। पवन सिंह पर रिश्वत मांगने के आरोप हैं। कुछ दिन पहले उनका एक ऑडियो सामने आया था। इसमें वे अतिथि शिक्षक से वेतन दिलाने के बदले दो माह के वेतन बराबर रुपए मांग रहे थे। यह वीडियो जिला शिक्षा अधिकारी पवन सिंह और सिहावल ब्लॉक के हायर सेकेंडरी स्कूल हटवा खास की अतिथि शिक्षक मौसम शुक्ला के बीच हुई बातचीत का बताया गया था। ऑडियो में डीईओ यह कहते सुनाई दे रहे थे कि मुझे भी सभी को देना होता है। इसलिए मैं आपसे रुपए मांग रहा हूं। इसमें अतिथि शिक्षक उनसे नेगोशिएशन करती हैं तो डीईओ पहले 15 हजार रुपए देने की मांग करते हैं।
अच्छे काम करने वालों का सम्मान करूंगा, भ्रष्टाचारियों को छोडूगा नहीं
अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं किसी के खिलाफ नहीं हूं। सब प्रशासन के अंग हैं। अच्छा काम करने वालों को सम्मानित करेंगे। गड़बड़ करने वालों पर कार्रवाई करेंगे। यह नहीं चलेगा। काम में पारदर्शिता जरूरी है। लोगों को संबोधित करने से पहले मुख्यमंत्री ने यहां महिलाओं द्वारा लगाए गए स्टॉल देखे। इस दौरान सांसद रीती पाठक भी मौजूद थीं। कार्यक्रम में सीएम ने हितग्राहियों को लाड़ली लक्ष्मी योजना के प्रमाण पत्र भी वितरित किए। सीएम ने स्थानीय कलाकारों और स्कूली छात्राओं से भी चर्चा की। वे उनके साथ जमकर थिरके। मुख्यमंत्री ने जनसेवा अभियान के अंतर्गत लोगों को विभिन्न योजनाओं के स्वीकृति-पत्र भी वितरित किए।
सीएम ने कहा- सीधी जिले में हो रहे कई नवाचार
सीएम ने कहा कि जिले में नवाचार हो रहे हैं। यह बहुत अच्छा है। मैं बधाई देता हूं। महुआ उत्पादन में भी अच्छा काम हुआ है। जिले में आईआईटी कोचिंग की कक्षाएं शुरू की हैं। इसे और आगे बढ़ाएं। ऐसा प्रयास करें कि ज्यादा से ज्यादा गरीब बच्चों को लाभ मिले। उन्होंने अफसरों से गो अभयारण्य के बारे में मंच से ही पूछताछ की। सीएम ने कहा कि मझौली तहसील की खजूरिया ग्राम पंचायत में 100 एकड़ जमीन पर गो अभयारण्य बनाया जाएगा।
सीधी जिले में विभिन्न योजनाओं में 1.37 लाख लोगों को दिया लाभ
सीएम ने कहा कि रीवा संभाग से 7.59 लाख से ज्यादा आवेदन आए थे, उनमें से 7 लाख 2 हजार 845 लोगों के नाम अलग-अलग योजनाओं में जोड़ दिए हैं। आज उनको स्वीकृति पत्र दिए जा रहे हैं। अकेले सीधी जिले में 1.37 लाख भाई-बहनों के नाम अलग-अलग योजनाओं में जोड़े जा रहे हैं। एक साथ लाखों लोगों को लाभ पहुंचाने का काम आजादी के बाद आज तक नहीं हुआ।
सीएम ने की मझौली तहसीलदार सहित तीन अफसरों की तारीफ
सीएम ने लोगों को संबोधित करते हुए मझौली तहसीलदार वीके पटेल, जिला समन्वयक (स्कूली शिक्षा) सुजीत मिश्रा की तारीफ भी की। सीएम ने कहा कि मुझे लोगों से इन अफसरों का फीडबैक मिला है। लोगों ने बताया कि ये अच्छा काम कर रहे हैं। जब जनता से प्रशंसा आती है तो अच्छा लगता है। मान सिंह सैयाम सीईओ जनपद पंचायत मझौली के बारे में भी बहुत अच्छी रिपोर्ट मिली है। मैं उन्हें भी बधाई देता हूं।
मॉर्निंग मीटिंग में ही अफसरों को सस्पेंड कर रहे सीएम
चार महीने पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल से ही प्रदेशभर के जिलों में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की समीक्षा करने के लिए मॉर्निंग मीटिंग की शुरुआत की है। सुबह 6 से 7 बजे के बीच सीएम किसी एक जिले के कलेक्टर, एसपी सहित विभागों के प्रमुख अधिकारियों, प्रभारी मंत्रियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जोड़कर समीक्षा करते हैं। सीएम योजनावार कलेक्टर्स से वन टू वन स्थिति पूछते हैं। समीक्षा के पहले सीएम उस जिले की जानकारी भी अपने पास बुला लेते हैं। बैठक में गलत जानकारी देने वाले और लापरवाह अफसरों पर तुरंत एक्शन भी ले रहे हैं। कई बार सार्वजनिक तौर पर सीएम इस बात को कह चुके हैं कि मेरी जिलों की समीक्षा बैठक का समय सुबह जल्दी होने से कई लोग परेशान होते हैं, इसलिए मैंने टाइम थोड़ा आगे बढ़ाया है।
अब तक इन अधिकारियों पर गिर चुकी है सीएम की गाज
– 18 सितंबर में झाबुआ जिले के एसपी अरविंद तिवारी का छात्रों से फोन पर अभद्रता करने वाला ऑडियो वायरल हुआ था। ये ऑडियो जैसे ही मुख्यमंत्री तक पहुंचा, उन्होंने अगली सुबह यानी 19 सितंबर को ही बैठक बुलाई और एसपी अरविंद दुबे को हटाने के निर्देश दिए, कुछ ही देर बाद एसपी को सस्पेंड भी कर दिया गया। अगले ही दिन उन्होंने झाबुआ कलेक्टर को भी बदल दिया।
– 23 सितंबर को सागर जिले की समीक्षा करते हुए पीएम आवास योजना में पैसे लेने वाले रोजगार सहायकों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सेवा से पृथक करने के निर्देश दिए।
– 25 सितंबर को झाबुआ के जिला खाद्य अधिकारी एमके त्यागी को मुख्यमंत्री ने हटाने के निर्देश दिए।
– अनूपपुर जिले की समीक्षा के दौरान लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई) के कार्यपालन यंत्री (ईई) को गलत जानकारी देने पर सीएम ने माफी मंगवाई।
– श्योपुर जिले की समीक्षा के दौरान राशन वितरण की गलत जानकारी देने पर डीएसओ को सस्पेंड कर दिया। इसके साथ ही पीएम आवास योजना में रिश्वत मांगने वालों की सेवा समाप्त करने के निर्देश दिए।
– बड़वानी जिले में सेंधवा के जनपद पंचायत सीईओ को मुख्यमंत्री ने मंच से ही सस्पेंड कर दिया।
– 13 अक्टूबर को रीवा जिले की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने हनुमना में बिजली वितरण की लापरवाही की शिकायतों पर सब इंजीनियर को सस्पेंड करने के साथ ही कामों की जांच कराने के निर्देश दिए।
– 9 दिसंबर को सीएमएचओ डॉ. जीसी चौरसिया और बिछुआ नगर परिषद के सीएमओ चंद्रकिशोर भवरे को सस्पेंड कर दिया। सीएम ने मंच से ही इसके आदेश जारी किए। उन्होंने कहा- लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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